पॉर्न वेबसाइट पर रोक लगे:बालाकृष्णन
Last Updated 31 Jan 2010 12:39:20 PM IST
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नयी दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन का कहना है कि केंद्र सरकार को पॉर्न वेबसाइट पर रोक लगानी चाहिए।
साइबर लॉ के एक सेमिनार के दौरान दिल्ली में प्रधान न्यायाधीश बालाकृष्णन ने कहा कि पॉर्न वेबसाइट लोगों को गुमराह कर रही है। लिहाजा सरकार को इन पर पाबंदी लगा देनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि हैकिंग की आशंका को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट से जजों के बैंक अकाउंट नंबर को हटा दिया गया है।
देश के प्रधान न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन ने रविवार को कहा कि अश्लील सामग्री और घृणास्पद वक्तव्यों को फैलाने वाली वेबसाइटों पर प्रतिबंध की तत्काल आवश्यकता है और एक साइबर कानून लागू किए जाने पर जोर दिया।
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "सरकार उन वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा सकती है, जो केवल अश्लील सामग्री और घृणास्पद वक्तव्यों को प्रसारित करती हैं। बहरहाल, सभी वेबसाइटों पर एक समान प्रतिबंध लगाना ठीक नहीं होगा। गलत काम करने वालों की जिम्मेदारी तय करने के लिए नेटवर्क सेवा प्रदाताओं, वेबसाइट संचालकों और व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के बीच भेद करना भी महत्वपूर्ण होगा।"
'साइबर कानून प्रवर्तन कार्यक्रम और राष्ट्रीय परामर्श बैठक' के अवसर पर बालाकृष्णन ने कहा, "ऑनलाइन माध्यम से किए जाने वाले वाणिज्यिक लेन देन में वित्तीय धोखाधड़ी और बेईमानी की मात्रा में भी वृद्धि हुई है।"
इस अवसर पर अपने भाषण में केंद्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि प्रौद्योगिकी के उपयोग के कई गुना बढ़ने के कारण साइबर कानून का प्रवर्तन आवश्यक है। केवल साइबर कानून के कड़ाई से लागू होने से ही सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के उपयोग में सुधार हो सकता है।
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