तेलंगाना मुद्दे पर जेएसी विभाजन के कगार पर
Last Updated 16 Feb 2010 11:45:15 AM IST
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हैदराबाद। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन की मांग पर केंद्र सरकार द्वारा गठिन श्रीकृष्ण समिति के कार्यक्षेत्र के विरोध में कांग्रेस के सांसदों और विधायकों के इस्तीफा देने से इंकार करने के कारण तेलंगाना आंदोलन का नेतृत्व कर रही सर्वदलीय संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) विभाजन के कगार पर पहुंच गई है।
सोमवार रात को तेलंगाना क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं की बैठक में आरोप लगाया गया कि जेएसी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव के आदेश पर कार्य कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर अपने फैसले स्वयं लेने का फैसला किया।
कांग्रेस नेता पोन्नम प्रभाकर ने जेएसी के संयोजक एम. कोदांदरम को टीआरएस के डाकिए की तरह कार्य नहीं करने और कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी पार्टियों के रुख पर विचार करने की सलाह दी।
जेएसी ने तेलंगाना क्षेत्र के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को सोमवार शाम तक इस्तीफा देने को कहा था। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और 19 फरवरी से उनका सामाजिक बहिष्कार होगा।
पार्टी विधायकों और सांसदों के घरों के बाहर आयोजित विरोध प्रदर्शनों पर कड़ी प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए प्रभाकर ने कहा कि यदि यह जारी रहा तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
तेलंगाना क्षेत्र के कांग्रेस के 50 विधायकों में से केवल दो ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा है, जो अभी तक स्वीकार नहीं किए गए हैं। बहरहाल विधानसभा अध्यक्ष ने टीआरएस के सभी 10 विधायकों और तेलुगू देशम पार्टी तथा भारतीय जनता पार्टी के एक-एक विधायक का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। प्रजा राज्यम पार्टी के एक विधायक ने भी अपना इस्तीफा सौंपा है।
राव सहित टीआरस के दोनों सांसदों ने भी इस्तीफा देने का फैसला किया है।
कांग्रेस विधायकों पर इस्तीफे का दबाव बनाने के लिए तेलुगू देशम पार्टी के 39 विधायकों ने कोदांदरम को अपना इस्तीफा सौंपने का फैसला किया। बहरहाल कोदांदरम ने तेलुगू देशम पार्टी के नेताओं को विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपने को कहा।
राज्य विधानसभा की 294 सीटों में से 119 और 42 संसदीय सीटों में से 17 तेलंगाना क्षेत्र में हैं।
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