उल्फा नेताओं की हो सकती है रिहाई :गोगोई
Last Updated 19 Feb 2010 05:08:18 PM IST
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गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने शुक्रवार को संकेत दिया कि प्रतिबंधित युनाइटेड लिब्रेशन फ्रंड ऑफ असम (उल्फा) के नेताओं को शांति वार्ता के लिए रिहा किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, ‘हम भी समझते हैं कि हथकड़ी में बातचीत नहीं हो सकती और हम निश्चित रूप से चाहेंगे कि बातचीत गरिमा और सम्मान के साथ हो। सार्थक बातचीत के लिए हम अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं।‘
केंद्र के साथ शांति वार्ता के लिए जेल से रिहा किए जाने की उल्फा नेताओं की मांग पर गोगोई ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘हम समस्या का स्थायी समाधान चाहते हैं और उल्फा नेताओं के साथ शांति वार्ता हमारी प्राथमिकाओं में है।‘
उल्फा के आठ शीर्ष नेता इस समय विभिन्न जेलों में कैद हैं, जिनमें सात गुवाहाटी में हैं। इसमें उल्फा प्रमुख अरबिंद राजखोवा, उप प्रमुख प्रदीप गोगोई, उप मुख्य कमांडर राजू बरुआ, साशा चौधरी, चित्रबन हजारिका, मिथिंगा डैमरी, प्रनाती डेका और उल्फा के राजनीतिक विचारक भीमकांत बुरागोहियां प्रमुख हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि मुख्य कमांडर परेश बरुआ समेत उल्फा के सभी नेताओं को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए, लेकिन यदि वह (बरुआ) नहीं आते हैं, तो हम उनका इंतजार न करते हुए शांति वार्ता की शुरुआत कर देंगे।‘
गोगोई ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्हें दिल्ली बुलाया है।
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