देश के प्रधानमंत्री को हाई सिक्योरिटी मिलती है और इस सुरक्षा की जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के हाथ में रहती है
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प्रधानमंत्री जब भी दौरे पर जाते हैं तो उनके साथ क़ाफिले में एसपीजी के जवान और करीब एक दर्जन गाड़ियां रहती हैं ये वाहन आपात स्थिति के दौरान हर स्थिति से निपटने की क्षमता रखते हैं। काफिले में बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज सेडान, बीएमडब्ल्यू एक्स3, रेंज रोवर और एक मर्सिडीज-बेंज कार शामिल हैं। इसके अलावा क़ाफिले में एक एंबुलेंस और टाटा सफारी जैमर भी होता है। वैसे तो प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कई कारें तैनात की गई हैं, लेकिन चुनावी रैलियों में या 15 अगस्त के मौके पर वह ब्लैक रेंज रोवर या टोयोटा लैंड क्रूजर में सवार नजर आते हैं।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पहले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप द्वारा प्रधानमंत्री की कार बदलने की समय सीमा 8 साल थी, लेकिन नए ऑडिट के बाद 8 साल की समय सीमा को घटाकर अब 6 साल कर दिया गया है। पीएम मोदी की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए एसपीजी तय करती है कि नई कार कब खरीदनी है। इस नियम के तहत प्रधानमंत्री के पास नई आधुनिक मर्सिडीज कार है।
कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री जिस गाड़ी में सफर करते हैं उस गाड़ी पर केमिकल हमले का भी असर नहीं होता है। बम भी फेंका जाए तो भी आग नहीं लग सकती। गाड़ियों के टायर भी काफी मजबूत होते हैं। हमले के दौरान क्षतिग्रस्त होने पर भी ये वाहन कम से कम 100 किलोमीटर तक चलने में सक्षम हैं।
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