Ramlala Pran Pratishtha Puja : आज प्राण प्रतिष्ठा की पूजा के दौरान करें इन मंत्रों का जाप,गाएं ये आरती

Last Updated 22 Jan 2024 09:34:50 AM IST

Ramlala Pran Pratishtha Puja: आज अयोध्या में होने वाली राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समय भक्तों को इन मंत्रों का जाप और ये आरती जरूर करनी चाहिए।


आज अयोध्या में रामलला के स्वागत का समय है। हर जगह प्राण प्रतिष्‍ठा के आयोजन  को लेकर अधिक उत्साह देखने को मिल रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के समारोह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जो लोग आज  अपने - अपने घर पर भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हैं, तो इन मंत्रों का जाप और आरती अवश्य करें। चलिए पढ़ते हैं भगवान श्रीराम के ये मंत्र और आरती।


सर्वार्थसिद्धि श्री राम ध्यान मंत्र - Ram Ji Mantra

ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम,

लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !

श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !

भगवान राम के सरल मंत्र - Shri Ram Mantra

|| श्री राम जय राम जय जय राम ||

|| श्री रामचन्द्राय नमः ||

सुख-शांति के लिए रामजी के मंत्र - Lord Ram Mantra

हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।

गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥

हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।

बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥

समस्या से मुक्ति के लिए श्रीराम मंत्र

लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।

कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥

आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदाम्।

लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्।।

भगवान श्रीराम की आरती

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।

नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।

कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।

पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।

भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।

रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।

आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।

इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।

मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।

मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।

करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।

एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।

तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।

जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।

मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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