...तो प्रधानमंत्री के कंधे पर शोभायमान होगा काशी में बना ये दुपट्टा
अयोध्या में 22 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्रीराम मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ में यजमान की भूमिका निभा रहे होंगे तो काशी में बना विशेष दुपट्टा उनके कंधे पर शोभायमान हो सकता है।
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काशयाम सृजन फाउंडे़शन के ट्रस्टी सर्वेश कुमार श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय सहारा को बताया कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए एक खास साड़़ी और दुपट्टा तैयार कराया गया है जिसे अयोध्या भेजा गया है। इन दोनों वस्तुओं को अयोध्या भेजने के साथ ही फाउंडे़शन ने श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के लोगों को काशी की इस इच्छा से अवगत कराया है कि प्रधानमंत्री काशी में तैयार इस दुपट्टे को उस समय धारण करें जब वह प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हों।उन्होंने बताया कि इस बारे में वहां से अनुमति मिलने का इंतजार है।
श्रीवास्तव ने बताया कि तीन माह से कुछ अधिक समय की मेहनत और रामकालीन युग की उचंत कला का प्रयोग से बनी खास साड़़ी एवं दुपट्टा ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है। साड़़ी एवं दुपट्टा बनाते समय भारतीयता का पूरा ध्यान रखा गया है।
उनका दावा है कि उचंत कला रामकालीन युग की है इसलिए इसका प्रयोग किया गया है। इस कला में बुनकर बिना जकार्ड़ के हाथ से रेशम का ताना–बाना बुनते हैं।
सिल्क के दुपट्टे पर दोनों तरफ से अयोध्या का भव्य श्रीराम मंदिर दिखायी दे रहा है। इसके दोनों तरफ टेस्टेड़ जरी लगी हुई है। इससे इसकी सुन्दरता और बढ़ जाती है।
उन्होंने बताया कि हमारा ट्रस्ट सनातन बुनकरों का है। कम ही लोगों को है इस तकनीक की जानकारीः उचंत कला बहुत खास होती है इसकी बहुत कम लोगों को जानकारी होती है। बहुत ही कम बुनकर इसकी जानकारी रखते हैं। देश व विदेश से इन कला के उपयोग से बनी साड़़ी की मांग है।
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