मंडेला को भाजपा की श्रद्धांजलि
भाजपा के नेताओं ने दक्षिण अफ्रीका से रंगभेद को उखाड़ फेंकने वाले कद्दावर नेता नेल्सन मंडेला के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है.
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज (फाइल फोटो) |
पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘मंडेला ने जीवन पर्यंत लोगों के विरूद्ध होने वाले भेदभाव और अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी. वह गांधीवादी तरीकों और दर्शन में विश्वास रखते थे. अपने लोगों की आजादी के लिए खुद की आजादी त्याग कर वह महानायक बन गए.’’
उन्होंने कहा कि मंडेला आधुनिक इतिहास के उन महानतम नेताओं में एक हैं जिन्होंने मानव की गरिमा और सम्मान के अपने संघर्ष से दुनिया भर को प्रेरित किया.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरूण जेटली ने कहा कि मंडेला ने ‘‘ना सिर्फ अपने आंदोलन से दक्षिण अफ्रीका से रंगभेद को सफलतापूर्वक उखाड़ फेंका, बल्कि राष्ट्रपति बनने पर उन्होंने गरीबी और एचआईवी-एड्स के खिलाफ लड़ाई छेड़ी.’’
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने मंडेला को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जीवन और मृत्यु का आपस में शात संबंध है. जो आया है, वह जायेगा. लेकिन कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जो अमर हो जाते हैं. नेल्सन मंडेला ऐसा ही व्यक्तित्व हैं. रंगभेद, असमानता, दमन के खिलाफ संघर्ष के चलते वह 27 वर्ष से अधिक समय तक जेल में रहे लेकिन इसका कोई प्रभाव उन पर नहीं पड़ा.
सुषमा ने कहा कि जेल में वर्षो गुजारने के बाद जब वह बाहर आए तो पूरी दुनिया ने उन्हें सिर माथे पर बिठाया मगर तब भी उन्हें इसका कोई ‘मद’ नहीं हुआ.
मंडेला को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन पर किसी ने यह शेर पढ़ा था जिसे वह दोहरा रहीं हैं, ‘‘ऐ अज़ल तुझसे यह कैसी नादानी हुई. फूल वो तोड़ा, चमन भर में वीरानी हुई.’’
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