एएमयू ने उठाई साम्प्रदायिक हिंसा निरोधक विधेयक पारित कराने की मांग
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ने सरकार से लम्बित साम्प्रदायिक हिंसा निरोधक विधेयक को जल्द पारित कराने के लिये मांग की.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी(फाइल फोटो) |
एएमयूटीए के सचिव आफताब आलम ने बताया कि अगर कोई राजनीतिक दल साम्प्रदायिक हिंसा को रोकने सम्बन्धी विधेयक को फौरन पारित कराने के महत्व को समझने में नाकाम होता हैं तो उसे फिरका-परस्ती को दावत देने और देश की एकता और अखण्डता को खतरे में डालने का इल्जाम लेने के लिये तैयार रहना होगा.
उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की गुरुवार को हुई बैठक में इस सिलसिले में प्रस्ताव भी पारित किया गया.
आलम ने बताया कि पारित प्रस्ताव में हाल में हुए मुजफ्फनगर दंगों की जांच के लिये राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की संयुक्त उच्चस्तरीय टीम गठित करने और उसे अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिये निश्चित समय देने की मांग की गयी हैं.
उन्होंने बताया कि प्रस्ताव में दंगा रोकने के प्रति राज्य सरकार के कथित ढीले रवैये की भी आलोचना की गयी हैं. प्रस्ताव के मुताबिक सूबाई सरकार ना सिर्फ फसाद रोकने में नाकाम रही बल्कि वह उपयुक्त पुनर्वास कार्यक्रम लागू ना करके दंगा प्रभावित लोगों के जख्मों पर नमक भी डाल रही हैं.
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