Lok Sabha Election 2024 results: लोकसभा चुनाव में राजस्थान में BJP को लगा झटका, 11 सीटें गंवाई

Last Updated 05 Jun 2024 08:45:16 AM IST

लोकसभा चुनावों में राजस्थान में सत्तारूढ पार्टी भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। प्रदेश की कुल 25 लोकसभा सीटों में भाजपा केवल 14 पर ही जीत हासिल कर सकी है जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को 10 सीटें मिलीं हैं।


लोकसभा चुनाव में राजस्थान में BJP को लगा झटका, 11 सीटें गंवाई

वहीं एक सीट बांसवाड़ा पर भारतीय आदिवासी पार्टी ने जीत दर्ज की। वैसे इस सीट पर भी कांग्रेस ने आदिवासी पार्टी के समर्थन में अपने उम्मीदवार को मैदान से हटा दिया था।

पिछले दो लोकसभा चुनावों में भाजपा ने प्रदेश की सभी 25 सीटें जीतकर एक इतिहास बनाया था। इस चुनाव में भाजपा 25 सीटों पर जीतने का दावा कर रही थी लेकिन विरोधी इंडिया गठबंधन ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए उसके सपने पर पानी फेर दिया। यहां तक कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले भरतपुर लोकसभा सीट पर भी भाजपा को चुनावी हार का सामना करना पड़ा।

इस बार राजस्थान में भाजपा की ओर से मोदी सरकार के चार मंत्री और लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला चुनाव मैदान में थे। इनमें तीन मंत्री अलवर से भूपेंद्र यादव, बीकानेर से अजरुनराम मेघवाल और जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत चुनाव जीत गए जबकि बाड़मेर से कैलाश चौधरी बुरी तरह हारते हुए तीसरे स्थान पर आए। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा-बूंदी सीट से लगातार तीसरी बार निर्वाचित हुए।

राजस्थान के चुनावी समर में इस बार दो पूर्व मुख्यमंत्रियों वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह और अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी चुनावी मैदान में थे। इनमें दुष्यंत सिंह अपनी परंपरागत झालावाड़ सीट से लगातार पांचवी बार जीते हैं लेकिन वैभव गहलोत जालौर सीट से चुनाव हार गए। उनकी लोकसभा चुनाव में यह लगातार दूसरी पराजय है। पिछले चुनाव में वे जोधपुर सीट से हार गए थे।

चुनाव मैदान में कांग्रेस ने तीन सीटें सीकर और नागौर अपने इंडिया गठबंधन के साथी दलों जबकि एक बांसवाड़ा भारतीय आदिवासी पार्टी को दी थी। इन तीनों ही सीटों पर भाजपा को हार मिली है। सीकर में माकपा के अमराराम जबकि नागौर से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल विजयी हुए हैं। जबकि भारतीय आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत वांसवाड़ा सीट से चुने गए।

इस सीट पर भाजपा ने कद्दावर आदिवासी नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय को उतारा था। वे कांग्रेस के विधायक थे लेकिन चुनाव हार गए। भाजपा को इस चुनाव में अजा-अजजा मतदाताओं ने बड़ा झटका दिया है। प्रदेश की अजा के आरक्षित चार में तीन पर जबकि अजजा के लिए आरक्षित तीन में दो पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है।

राजस्थान में भाजपा नेतृत्व की कमी के साथ ही जातिगत समीकरणों में पिछड़ने के कारण मात खा गई। वहीं, बीजेपी की स्थानीय राजनीति में भी गुटबाजी बढ़ाई, जिसकी वजह से ग्राउंड पर उनका जनाधार सिमटता गया।

शुरुआत में उन्हें मोदी लहर से उम्मीद थी लेकिन राजस्थान में वो लहर असर नहीं दिखा पाई। मोदी लहर के भरोसे रहना उनकी बड़ी भूल साबित हुई और जब तक उन्हें ग्राउंड रियलिटी का अहसास हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

समय लाइव डेस्क
जयपुर


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