प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष किया और कहा कि इस लोकसभा चुनाव में ‘कांग्रेस के साहबजादे’ केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से हार जाएंगे और उन्हें उसके बाद किसी सुरक्षित सीट की तलाश करनी होगी।
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उन्होंने लोगों से महाराष्ट्र की नांदेड़ और हिंगोली सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों को जिताने की अपील की।
मोदी ने नांदेड़ रैली में कहा कि उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में एकतरफा मतदान हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अमेठी से हार के बाद कांग्रेस के साहबजादे वायनाड से भी हारेंगे। उन्हें 26 अप्रैल के बाद किसी सुरक्षित सीट की तलाश करनी होगी।’’
उन्होंने प्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के संदर्भ में कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के कुछ नेता लोकसभा छोड़कर राज्यसभा में चले गए क्योंकि उनमें चुनाव लड़ने का साहस नहीं है।
मोदी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल की खराब चीजों को सुधारने में दस साल लगाए।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बहुत काम किया जाना बाकी है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस किसानों और गरीबों के विकास में बाधक रही है। मोदी ने कहा, ‘‘कृषि संकट अभी का नहीं है। यह कांग्रेस की त्रुटिपूर्ण नीतियों के कारण हुआ।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके पास कोई चेहरा ही नहीं है।
मोदी ने कहा, ‘‘वे जो चाहे दावे करें लेकिन हकीकत यही है कि कांग्रेस के नेताओं ने चुनाव की घोषणा से पहले ही हार स्वीकार कर ली।’’
उन्होंने मतदाताओं से लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए बड़ी संख्या में बाहर निकलने अपील की।
मोदी ने कहा, ‘‘आप वोट देकर कोई एहसान नहीं कर रहे हैं बल्कि आप देश का भविष्य सुरक्षित कर रहे हैं। मैं विपक्ष के पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना चाहता हूं। आपका (विपक्षी नेता) चुनाव हारना तय है लेकिन आपको कभी मौका मिलेगा। आपको भी मतदाताओं से मतदान की अपील करनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दल 25 फीसदी सीट पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। चार जून को (चुनाव परिणाम) के बाद वे एक-दूसरे से और लड़ेंगे।’’
मोदी ने कहा कि अगर नागरिकता संशोधन अधिनियम नहीं होता तो अफगानिस्तान से आए सिखों का भविष्य क्या होता।
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