राज्य में अगले माह की 17 तारीख को होने वाले मतदान की तैयारी में सभी राजनीतिक दल जुटे हुए हैं, कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है
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MP Election 2023 : मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पिछड़े वर्ग और आधी आबादी का वोट हासिल करने के लिए दोनों प्रमुख राजनीतिक दल खूब गाल बजा रहे हैं, मगर महत्वपूर्ण बात यह है कि भाजपा और कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली दो बड़ी नेत्रियों भाजपा की उमा भारती और कांग्रेस की साधना भारती को प्रचार के मैदान से ही बाहर रखा है।
राज्य में अगले माह की 17 तारीख को होने वाले मतदान की तैयारी में सभी राजनीतिक दल जुटे हुए हैं, कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है और प्रचार अभियान गति पकड़ गया है। दोनों ही दलों के स्टार प्रचारकों की सूचियां जारी हो चुकी हैं।
इन सूचियां में राष्ट्रीय और स्थानीय नेताओं के नाम तो नजर आ रहे हैं मगर कुछ ऐसे चेहरे हैं जिनके नाम इस सूची से नदारद हैं।
पहले हम बात करते हैं भारतीय जनता पार्टी की स्टार प्रचारक की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम नहीं है। संभवत पहला ऐसा अवसर होगा जब उमा भारती का प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए बनाई गई 40 लोगों की प्रचार सूची में नाम नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश की राजनीति में भाजपा का और पिछड़े वर्ग का बड़ा चेहरा है। उमा भारती लोधी समाज का प्रतिनिधित्व करती हैं और इस वर्ग के मतदाता करीब एक दर्जन विधानसभा सीटों पर नतीजे को प्रभावित करने में सक्षम है।
वहीं दूसरी और कांग्रेस ने भी साधना भारती को अपनी स्टार प्रचारक की सूची से बाहर रखा है। साधना भारती का मध्य प्रदेश से नाता है और वह हर चुनाव में पार्टी के लिए लगातार जनसभाएं भी करती हैं। इस बार उन्हें पार्टी ने चुनाव से पहले मीडिया तक अपनी बात पहुंचाने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी और वह कई दिन तक राज्य में रहकर पार्टी की नीतियों का प्रचार और भाजपा पर हमला करती नजर आई।
अब जब स्टार प्रचारकों की सूची आई तो उनका नाम ही नहीं है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने आखिर लोधी समाज की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली दो महिला नेत्रियों को चुनाव प्रचार के अभियान से दूर क्यों रखा है, यह सवाल हर किसी के मन में है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उमा भारती का जहां पार्टी के कुछ नेताओं से टकराव चलता है, वहीं साधना भारती की राज्य में सियासी हैसियत बढ़ रही थी जो दिल्ली से नाता रखने वाले कुछ नेताओं को रास नहीं आ रहा था। लिहाजा उन नेताओं ने अपनी रणनीति के मुताबिक साधना भारती को स्टार प्रचारक की सूची से बाहर करा दिया।
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