चुनौती को भांपते हुए, छत्तीसगढ़ में बीजेपी का पूरी तरह से बघेल पर निशाना
छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव भूपेश सरकार बनाम भाजपा के बीच होने के आसार नजर आने लगे हैं। कांग्रेस के निशाने पर भाजपा और केंद्र की सरकार है तो वहीं भाजपा के निशाने पर पूरी तरह भूपेश बघेल सरकार है।
चुनौती को भांपते हुए, छत्तीसगढ़ में बीजेपी का पूरी तरह से बघेल पर निशाना |
राज्य के गठन के बाद यह पहला मौका है जब कांग्रेस की सरकार ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है। इससे पहले राज्य में भाजपा की 15 साल तक सरकार रही है। वहीं राज्य के गठन के बाद तीन साल कांग्रेस की सरकार रही थी।
लिहाजा दोनों ही दल अपने-अपने शासनकाल की उपलब्धियां और दूसरे के शासनकाल की खामियां गिनाने की कोशिश में लगे हैं।
राज्य में वर्ष 2018 की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक तरफा जीत हासिल की थी और भाजपा को बड़ी हार मिली थी। साथ ही सत्ता से बाहर भी होना पड़ा था। अब चुनाव करीब है तो भाजपा पूरी तरह भूपेश बघेल सरकार पर हमलावर है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भाजपा और केंद्र सरकार पर लगातार हमले बोल रहे हैं।
कांग्रेस की ओर से बीते पांच साल में सरकार की ओर से किए गए नवाचारों का जिक्र किया जा रहा है जिसमें सबसे पहले है ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों में ग्रामीण इलाकों में गोठानों का निर्माण, इसके अलावा गोबर व गोमूत्र की खरीदी।
इतना ही नहीं रुरल इंडस्ट्रियल पार्क भी सरकार अपनी उपलब्धि के तौर पर गिना रही है। इसके अलावा बेरोजगारों के लिए दिया जा रहा बेरोजगारी भत्ता, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदम और ओबीसी को आरक्षण, इसके साथ ही कर्मचारियों के नियमितीकरण और उनके हित में लिए गए फैसलों को सरकार जोर-शोर से तो उठा ही रही है, केंद्र सरकार पर असहयोग करने का आरोप भी लगा रही है।
एक तरफ जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार केंद्र सरकार व भाजपा पर हमलावर है तो वहीं भाजपा के निशाने पर सीधे तौर पर भूपेश बघेल हैं। उन पर शराब घोटाला, रेत घोटाला, कोयला घोटाला से लेकर तमाम घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
कई सरकारी अधिकारियों के घोटाले में लिप्त होने के भी आरोप भाजपा लग रही है क्योंकि कई अधिकारियों के यहां से केंद्रीय जांच एजेंसियों को करोड़ों की संपत्ति मिली है और वह जेल की हवा खा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य के चुनाव पूरी तरह भूपेश बघेल सरकार बनाम भाजपा के बीच होने वाले हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या गृहमंत्री अमित शाह या पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, सभी के निशाने पर भूपेश बघेल की सरकार होती है और उन घोटाले का जिक्र किया जाता है जिनको लेकर केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
यह बात अलग है कि कांग्रेस ऐसे राजनीतिक विद्वेष का परिणाम बताती है, मगर जनता के बीच घोटाले की चर्चा तो हो ही जाती है। वहीं दूसरी ओर भूपेश बघेल के जनहितकारी फैसला भी जनता के बीच है, कुल मिलाकर यह चुनाव भूपेश बघेल बनाम भाजपा होता नजर आ रहा है।
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