कैथल के 'राम' का 'वनवास' पूरा, पीएम मोदी ने पहनाया जूता तो भावुक आंखों से कहा 'धन्यवाद'

Last Updated 15 Apr 2025 06:36:09 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर हरियाणा के दौरे पर रहे, जहां उन्होंने हिसार और यमुनानगर में रैली को संबोधित किया।


कैथल के 'राम' का 'वनवास' पूरा, पीएम मोदी ने पहनाया जूता तो भावुक आंखों से कहा 'धन्यवाद'

इसी बीच पीएम मोदी के हरियाणा दौरे का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है।

दरअसल, 14 साल तक नंगे पांव चलने वाले कैथल के निवासी रामपाल कश्यप के लिए आज का दिन हमेशा के लिए यादगार बनकर रह गया। रामपाल कश्यप ने साल 2009 में संकल्प लिया था कि जब तक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन जाते हैं और उनसे व्यक्तिगत मुलाकात नहीं करते हैं, तब तक वह जूते-चप्पल नहीं पहनेंगे। इसके बाद वह लगातार 14 वर्ष तक बिना जूते-चप्पल के चलते रहे।

लेकिन, जब सोमवार को हरियाणा आने पर पीएम मोदी को इस बात का पता चला, तो उन्होंने खुद रामपाल कश्यप को मिलने के लिए बुलाया। इसके बाद पीएम मोदी ने उन्हें जूते भी भेंट किए और खुद पहनाए भी।

इस दौरान पीएम मोदी भी काफी भावुक नजर आए।

1.22 मिनट के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी रामपाल कश्यप से मिलते हैं। इस मुलाकात के दौरान रामपाल प्रधानमंत्री को बताते हैं कि मैंने 14 साल से जूता नहीं पहना है, मैंने प्रण लिया था कि आपके सामने ही जूता पहनूंगा।

इसके बाद पीएम मोदी रामपाल कश्यप से कहते हैं कि आज मैं आपको जूते पहना रहा हूं, लेकिन बाद में फिर ऐसा नहीं करना। आपको काम करना चाहिए, अपने आप को कष्ट क्यों दे रहे हो।

इसके बाद पीएम मोदी रामपाल को जूते भेंट करते हैं और पूछते हैं कि जूता फिट आ गया? प्रधानमंत्री मोदी रामपाल कश्यप से कहते हैं कि आप जूते पहनते रहना।

जिसके जवाब में वह पीएम मोदी से कहते हैं कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे आपके दर्शन हो जाएंगे।

वीडियो में देखा जा सकता है कि आखिर में पीएम मोदी उनकी पीठ थपथपाते हैं।

यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है, जिस पर यूजर्स अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

वहीं, पीएम मोदी ने भी इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, ''हरियाणा के यमुनानगर में आज कैथल के रामपाल कश्यप जी से मिलने का सौभाग्य मिला। इन्होंने 14 वर्ष पहले एक व्रत लिया था कि ‘मोदी जब तक प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और मैं उनसे मिल नहीं लेता, तब तक जूते नहीं पहनूंगा।’ मुझे आज उनको जूते पहनाने का अवसर मिला। मैं ऐसे सभी साथियों की भावनाओं का सम्मान करता हूं, परंतु मेरा आग्रह है कि वो इस तरह के प्रण लेने के बजाए किसी सामाजिक अथवा देशहित के कार्य का प्रण लें।''

आईएएनएस
नई दिल्ली


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