लोकसभा में गूंजा बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा
वर्ष 1971 में आज के दिन पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे विजय दिवस का उल्लेख करते हुए सोमवार को लोकसभा में अनेक सदस्यों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया और सरकार से मांग की कि पड़ोसी देश के शासन से बात करनी चाहिए।
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उन्होंने सरकार से इस बाबत सदन में बयान देने की भी मांग की। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने शून्यकाल में कहा, ‘‘आज विजय दिवस है। 1971 के युद्ध में शहीद हुए सभी सैनिकों को और देश की जनता को आज के दिन नमन है।
उन्होंने कहा कि उस युद्ध के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कठिन से कठिन परिस्थिति में साहस दिखाया और ऐसा नेतृत्व दिखाया जिससे देश की विजय हुई।
कांग्रेस सांसद ने उस युद्ध के परिणामस्वरूप बांग्लादेश के निर्माण का जिक्र करते हुए कहा कि आज पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों हिंदुओं और ईसाइयों पर अत्याचार के खिलाफ इस सरकार को आवाज उठानी चाहिए और बांग्लादेश सरकार से बातचीत करनी चाहिए।
विजय दिवस प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को मनाया जाता है। यह 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में भारतीय सेना के अदम्य साहस व शहीद जवानों के बलिदान को याद करने का दिन है।
शून्यकाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निशिकांत दुबे ने कहा कि 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश बना था और उस समय भारतीय सेना तथा तत्कालीन नेतृत्व ने बड़ा योगदान दिया था। उन्होंने कहा कि उस युद्ध में नजरूल इस्लाम और जगजीवन राम जैसे नेताओं के योगदान को इतिहास ने भुला दिया है।
दुबे ने कहा, ‘‘युद्ध के समय इंदिरा जी के योगदान को कोई नकार नहीं रहा, लेकिन जगजीवन राम के योगदान को भी याद रखा जाए। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने बांग्लादेश मेंंिहदुओं पर अत्याचार के मुद्दे पर कहा, ‘‘मुझे हैरानी है कि सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों है। संसद चल रही है।
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