Rajasthan Phone Tapping Case: फोन टैपिंग मामले में अशोक गहलोत के पूर्व OSD लोकेश शर्मा बने सरकारी गवाह

Last Updated 17 Dec 2024 07:54:45 AM IST

Rajasthan Phone Tapping Case: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के पूर्व विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) लोकेश शर्मा वर्ष 2020 में प्रदेश में राजनीतिक संकट के दौरान हुए फोन टैपिंग मामले में सरकारी गवाह बन गए हैं।


दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर मार्च 2021 में आपराधिक साजिश और गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग के आरोप में शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
पुलिस ने इस मामले के संबंध में शर्मा से कई बार पूछताछ की है।

शर्मा ने पिछले सप्ताह नयी दिल्ली स्थित पटियाला हाउस अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अर्जी दायर की थी, जिसे सोमवार को स्वीकार कर लिया गया।

शर्मा ने इस घटनाक्रम के बाद कहा था कि वह अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं और उनकी जान को खतरा है क्योंकि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं।

उनके वकील रोहन वाधवा ने बताया, “मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए गए इकबालिया बयान और अपराध शाखा द्वारा कोई आपत्ति नहीं जताए जाने के बाद शर्मा को क्षमादान दे दिया गया और अब वह सरकारी गवाह बन गए हैं।”

उन्होंने बताया कि अर्जी में किसी भी आरोपी का नाम नहीं दिया गया है क्योंकि मामले की जांच अपराध शाखा कर रही है।

वाधवा ने बताया कि बयानों को पढ़ने और इस निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद कि साजिश में अन्य लोग भी शामिल हैं, अदालत ने उन्हें क्षमादान दे दिया।

उन्होंने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए अदालत का मानना है कि लोकेश शर्मा को क्षमादान देना जरूरी है ताकि मूल्यवान साक्ष्य प्राप्त किए जा सकें।

उन्होंने बताया कि जांच पूरी करने के बाद जांच एजेंसी आरोपपत्र दाखिल करेगी और मुकदमे के दौरान लोकेश शर्मा को गवाह के तौर पर पेश किया जाएगा।

शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर फोन टैपिंग में शामिल होने का आरोप लगाते रहे हैं और पिछले दिनों पूछताछ के दौरान उन्होंने अपराध शाखा को कई सबूत दिए थे।

जब शर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने मीडिया में घटनाक्रम के बारे में खुलासा किया है, तब से उन्हें धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं।”

शर्मा ने इस साल अप्रैल में सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया था कि 2020 में राजस्थान में तत्कालीन कांग्रेस सरकार को ‘गिराने’ के लिए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस के कुछ नेताओं के बीच टेलीफोन पर कथित रूप से हुई बातचीत का एक ऑडियो क्लिप उन्हें खुद पूर्व मुख्यमंत्री ने दिया था।

उन्होंने आरोप लगाया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मुझे अपने आधिकारिक आवास पर बुलाया और मुझे एक पेन ड्राइव दी थी, जिसे उन्होंने समाचार पत्रों में प्रसारित करने का निर्देश दिया था।

शर्मा ने कहा, “मैं अपने घर गया, पेन ड्राइव से फाइलें अपने लैपटॉप में और लैपटॉप से अपने फोन में ट्रांसफर कर मीडिया में प्रसारित कर दी।”

शर्मा ने दावा किया कि राजनीतिक संकट के दौरान गहलोत के निर्देश पर उनके और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट दोनों खेमों के कई कांग्रेस विधायकों के फोन टैप किये गए थे।

शर्मा ने आरोप लगाया कि गहलोत प्रत्येक कॉल की जानकारी प्राप्त करते थे। उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह सचिव और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सभी फोन टैपिंग से जुड़े घटनाक्रम से अवगत थे।

भाषा
जयपुर


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