संसद भवन पर हमले के 23 साल पूरे, उपराष्ट्रपति धनखड़, PM मोदी और राहुल समेत कई नेताओं ने शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि
आज संसद पर हुए हमले की 23वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले में शहीदों को श्रृद्धांजलि अर्पित की।
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संसद हमले की 23वीं बरसी पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा, किरेन रिजिजू और और अन्य नेताओं ने हमले में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "मैं उन बहादुरों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने 2001 में इस दिन हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका साहस और निस्वार्थ सेवा हमें प्रेरित करती रहेगी। राष्ट्र हमेशा उनका और उनके परिवारों का आभारी रहेगा।"
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनका बलिदान हमेशा देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘2001 के संसद हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उनका बलिदान हमेशा हमारे राष्ट्र को प्रेरित करेगा। हम उनके साहस और समर्पण के लिए सदा आभारी रहेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने संसद हमले की बरसी पर संसद भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा लिया। उन्होंने इस कार्यक्रम से जुड़ी तस्वीरें भी साझा कीं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा "संसद परिसर में हुए आतंकी हमले की वर्षगांठ पर लोकतंत्र के इस आस्था स्थल की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों और संसदीय कर्मचारियों को कोटि-कोटि नमन। साहस और कर्तव्यनिष्ठा का वह शौर्यवान समर्पण वंदनीय है, राष्ट्र के प्रति सर्वस्व न्योछावर का वह भाव सदैव प्रेरणा देता रहेगा।"
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने भी पुराने संसद भवन ‘संविधान सदन’ के बाहर आयोजित एक कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कर्मियों ने कार्यक्रम स्थल पर सलामी दी, जिसके बाद शहीदों के सम्मान में कुछ क्षण का मौन रखा गया।
पिछले साल तक सीआरपीएफ सलामी शस्त्र (वर्तमान हथियार) भेंट करती थी।
यह हमला पांच हथियारबंद आतंकवादियों ने किया था लेकिन संसद सुरक्षा सेवा, सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवानों ने हमले को विफल कर दिया तथा कोई भी आतंकवादी इमारत में प्रवेश नहीं कर पाया था।
कई नेताओं को हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से बातचीत करते देखा गया।
इस हमले में दिल्ली पुलिस के छह जवान, संसद सुरक्षा सेवा के दो जवान, एक माली और एक वीडियो पत्रकार मारे गए थे।
सभी पांच आतंकवादियों को तत्कालीन संसद भवन के प्रांगण में मार गिराया गया था।
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