BAPS के सेवा प्रकल्पों के जरिये दुनिया भारत की आध्यात्मिक विरासत का करती है दर्शन : PM मोदी

Last Updated 08 Dec 2024 07:04:33 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को अहमदाबाद में आयोजित 'कार्यकर सुवर्ण मोहत्सव' को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि बीएपीएस (BAPS) के सेवा प्रकल्पों के जरिये दुनिया भारत की आध्यात्मिक विरासत का दर्शन करती है।


पीएम मोदी

इस दौरान उन्होंने कहा कि बीएपीएस के सेवा प्रकल्पों के जरिये दुनिया भारत की आध्यात्मिक विरासत का दर्शन करती है।

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यकर सुवर्ण महोत्सव के इस अवसर पर मैं भगवान स्वामी नारायण के चरणों में प्रणाम करता हूं। आज प्रमुख स्वामी महाराज की 103वीं जन्म जयंती का महोत्सव भी है। मैं गुरुहरि प्रगट ब्रह्म स्वरूप प्रमुख स्वामी महाराज को भी नमन करता हूं। मैं आपके बीच भले ही साक्षात उपस्थित नहीं हो सका हूं, लेकिन मैं इस आयोजन की ऊर्जा को हृदय से महसूस कर रहा हूं। इस भव्य दिव्य समारोह के लिए मैं परम पूज्य गुरु हरि महंत स्वामी महाराज का, सभी संत जनों का अभिनंदन करता हूं और उन्हें नमन करता हूं।

उन्होंने आगे कहा कि कार्यकर सुवर्ण महोत्सव सेवा के 50 वर्ष की यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। 50 वर्ष पहले स्वयंसेवकों का रजिस्ट्रेशन करके उन्हें सेवा कार्यों से जोड़ने की शुरुआत हुई। उस समय कार्यकर्ताओं का रजिस्ट्रेशन कराने के बारे में कोई सोचता भी नहीं था। आज ये देखकर बहुत खुशी होती है कि बीएपीएस के लाखों कार्यकर्ता पूरी श्रद्धा और समर्पण से सेवा कार्यों में जुटे हैं। किसी संस्था के लिए ये बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए मैं आपको बधाई और अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि कार्यकर सुवर्ण महोत्सव भगवान स्वामी नारायण की मानवीय शिक्षाओं का उत्सव है। ये सेवा के उन दशकों की गौरवगाथा है, जिसने लाखों-करोड़ों लोगों का जीवन बदला। ये मेरा सौभाग्य है कि मैंने बीएपीएस के सेवा अभियानों को इतने करीब से देखा है, मुझे उनसे जुड़ने का अवसर मिला है। भुज में भूकंप से हुई तबाही के बाद के हालात हों, नरनारायण नगर गांव का पुनर्निर्माण हो, चाहे केरला की बाढ़ हो, या उत्तराखंड में भूस्खलन की पीड़ा हो या फिर हाल ही में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी की आपदा, हर जगह बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था परिवार भाव से खड़ा हुआ नजर आया।

उन्होंने कहा कि बीएपीएस के कार्य, पूरे विश्व में भारत के सामर्थ्य, भारत के प्रभाव को ताकत देते हैं। विश्व के 28 देशों में भगवान स्वामी नारायण के 1800 मंदिर, दुनिया भर में 21 हजार से ज्यादा आध्यात्मिक केंद्र, सेवा के अलग-अलग प्रकल्पों का काम को जब दुनिया देखती है तो वो इसमें भारत की आध्यात्मिक विरासत, आध्यात्मिक पहचान के दर्शन करती है।

ये मंदिर भारत का सांस्कृतिक प्रतिबिंब है। विश्व की सबसे प्राचीन जीवंत संस्कृति का केंद्र है। कोई भी व्यक्ति जब इनसे जुड़ता है तो वो भारत के प्रति आकर्षित हुये बिना नहीं रहता। अभी कुछ ही महीने पहले अबू धाबी में भगवान स्वामी नारायण मंदिर की प्रतिष्ठा हुई है। सौभाग्य से मैं भी उस कार्यक्रम में शामिल हुआ। उस कार्यक्रम और उस मंदिर की पूरी दुनिया में कितनी चर्चा हो रही है। दुनिया ने भारत की आध्यात्मिक विरासत के दर्शन किए, दुनिया ने भारत की सांस्कृतिक विविधता को देखा। ऐसे प्रयासों से दुनिया को भारत के सांस्कृतिक गौरव और मानवीय उदारता के बारे में पता चलता है और इसके लिए आप बधाई के पात्र है।

पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी के बड़े-बड़े संकल्पों का इतनी सहजता से सिद्ध हो जाना ये भगवान स्वामी नारायण और सहजानंद स्वामी की तपस्या का ही परिणाम है। उन्होंने हर जीव की, हर पीड़ित की चिंता की। उनके जीवन का हर पल मानव कल्याण में समर्पित रहा। उन्होंने जिन मूल्यों की स्थापना की है, आज बीएपीएस उसी प्रकाश को विश्व में फैला रहा है। ये भी मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे बचपन से ही बीएपीएस और भगवान स्वामी नारायण से जुड़ने का अवसर मिला। मुझे प्रमुख स्वामी महाराज का जो प्रेम और स्नेह मिला, वो मेरे जीवन की पूंजी है। उनके साथ कितने ही व्यक्तिगत प्रसंग हैं, जो मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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