PM मोदी ने आर्कबिशप जॉर्ज कूवाकड के कार्डिनल बनने को बताया गर्व का क्षण

Last Updated 08 Dec 2024 07:01:21 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के आर्कबिशप जॉर्ज कूवाकड को कार्डिनल के रूप में पदोन्नत किए जाने को भारत के लिए गर्व का क्षण बताया है।


प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "भारत के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि आर्कबिशप जॉर्ज कूवाकड को परम पूज्य पोप फ्रांसिस द्वारा कार्डिनल बनाया जाएगा।"

आर्कबिशप कूवाकड केरल के कोट्टायम में चांगनाचेरी मूड लूर्डे माथा कैथोलिक चर्च के पादरी हैं। वह केरल के पहले पादरी हैं जो कार्डिनल बन रहे हैं। इससे पहले राज्य से जो पांच कार्डिनल हुए हैं, वे सब बिशप थे।

भारत की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल इस समारोह में शामिल होने के लिए वेटिकन सिटी गया हुआ है। पीएमओ ने पोस्ट में बताया, "भारत सरकार ने इस समारोह में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा है। समारोह से पहले, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने परम पूज्य पोप फ्रांसिस से भी मुलाकात की।"

वेटिकन सिटी में शनिवार को होने वाले समारोह में पोप फ्रांसिस आर्कबिशप कूवाकड तथा 20 अन्य को कार्डिनल बनाएंगे। इसके बाद दुनिया भर में कार्डिनलों की संख्या 232 से बढ़कर 253 हो जाएगी। जब अगले पोप के चयन का समय आता है कार्डिनल के सदस्य ही उन्हें चुनते हैं।

पोप से मुलाकात के दौरान जॉर्ज कुरियन ने सरकार की ओर से पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्योता दिया। उन्होंने बताया कि पोप फ्रांसिस ने कहा है कि वह 2025 के बाद ही भारत आ पाएंगे।

कुरियन ने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप को भारत आने का आधिकारिक निमंत्रण दिया है। हमें बताया गया है कि पोप जयंती समारोह के कारण 2025 के दौरान व्यस्त रहेंगे और शायद ही कभी बाहर जाएंगे। इसलिए उनकी भारत यात्रा उसके बाद होगी।"

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में पूर्व राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश, राज्यसभा सांसद सतम सिंह संधू, भाजपा नेता अनिल एंटनी, अनूप एंटनी और टॉम वडक्कन शामिल हैं।

इससे पहले 1986 में तत्कालीन पोप जॉन पॉल द्वितीय ने सिस्टर अल्फोंसा और सिस्टर कुरियाकोस एलियास चावारा को संत बनाने के लिए दो दिन के लिए केरल का दौरा किया था। यात्रा के दौरान, पॉल द्वितीय कोच्चि में रुके और फिर त्रिशूर, कोट्टायम और तिरुवनंतपुरम की यात्रा की।

केरल से बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग कूवाकड के कार्डिनल की पदोन्नति देखने के लिए वेटिकन सिटी पहुंचे हैं।

वर्तमान में वेटिकन में रहने वाले कूवाकड पोप फ्रांसिस के अंतर्राष्ट्रीय यात्रा कार्यक्रम का आयोजन करते हैं।

केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में 11 अगस्त 1973 को जन्मे कूवाकड 24 जुलाई को पादरी बने और बाद में प्रतिष्ठित पोंटिफिकल एक्लेसियास्टिकल अकादमी में राजनयिक सेवा के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया।

साल 2006 में उन्होंने अल्जीरिया में अपोस्टोलिक नन्सिएचर में अपने राजनयिक करियर की शुरुआत की।

उन्होंने अल्जीरिया, दक्षिण कोरिया, ईरान, कोस्टा रिका और वेनेजुएला में अपोस्टोलिक नन्सिएचर में सेवा की है।

केरल की 3.2 करोड़ की आबादी में लगभग 18 प्रतिशत ईसाई हैं, जिनमें कैथोलिक प्रमुख समूह हैं, जो राज्य के 50 प्रतिशत ईसाइयों का प्रतिनिधित्व करते हैं। केरल में तीन कैथोलिक संस्कार हैं - सिरो-मालाबार, लैटिन और सिरो मलंकारा चर्च।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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