640 करोड़ के साइबर ठगी मामले में दो CA और एक क्रिप्टो कारोबारी गिरफ्तार

Last Updated 05 Dec 2024 07:22:05 AM IST

ईडी ने बुधवार को कहा कि 640 करोड़ रुपये की साइबर ठगी से जुड़ी धनशोधन जांच के तहत यहां दो चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA) और एक क्रिप्टोकरेंसी कारोबारी को गिरफ्तार किया गया है।


640 करोड़ के साइबर ठगी मामले में दो सीए व एक क्रिप्टो कारोबारी गिरफ्तार

उसने बताया, 28 नवम्बर को बिजवासन में निदेशालय के तलाशी दल पर हमला करने को लेकर एक चौथे व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है जो एक अन्य ‘फरार’ चार्टर्ड एकाउटेंट का भाई है।
इस दल ने धनशोधन जांच के तहत 28 नवम्बर को इस चार्टर्ड एकाउटेंट के फार्म हाउस पर छापा मारा था।

उसने बताया, ईडी ने 28-30 नवम्बर के दौरान दिल्ली, गुरुग्राम, झुंझुनू, हैदराबाद, पुणो और कोलकाता में 13 परिसरों की तलाशी ली थी तथा 47 लाख रुपये की ‘बिना हिसाब वाली’ नकदी तथा 1.3 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की थी।

इस केंद्रीय एजेंसी ने बताया, यह धनशोधन जांच दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज की गई दो प्राथमिकियों पर आधारित है। ये प्राथमिकियां सट्टेबाजी, जुआ, अंशकालिक नौकरियां तथा अन्य साइबर ठगी के उपायों से अर्जित किए गए 640 करोड़ रुपये के संदर्भ में साइबर ठगी के आरोपों की जांच के वास्ते दर्ज की गई थीं।

ईडी ने कहा, भोले-भाले लोगों से ठगी गई धनराशि की हेराफेरी की गई जिसमें ‘लेयरिंग फंड’ प्रविधि और 5000 ‘म्यूल’ भारतीय बैंक खातों की मदद ली गई। बाद में उसे यूएई में भुगतान मंच ‘पीवाईवाईपीएल’ पर अपलोड कर दिया गया।

दरअसल ‘लेयरिंग फंड’ के तहत पैसों का एक खाते से दूसरे खाते या एक बैंिकग या वित्तीय संगठन से दूसरे में इस तरह अंतरण किया जाता है जिसमें अधिकारियों के लिए उसके प्रारंभिक स्रेत का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। ‘म्यूल’ बैंक खाता किसी दूसरे व्यक्ति का ऐसा खाता होता है जिसका इस्तेमाल खाताधारक की अनभिज्ञता में इस तरह की गड़बड़ियों के लिए किया जाता है।

ईडी ने कहा, ‘साइबर ठगी से मिली रकम’ का एक हिस्सा दुबई में विभिन्न बैंकों की ओर से जारी ‘डेबिट’ एवं ‘क्रेडिट’ कार्ड के माध्यम से निकाला गया। ईडी का कहना है कि यह कथित घोटाला कुछ चार्टर्ड एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, क्रिप्टो करेंसी कारोबारियों की आपसी मिलीभगत से चल रहा था और ये लोग कालाधन को सफेद बनाने के लिए मिलकर काम करते थे।

ईडी ने कहा, तलाशी के दौरान दो सीए-- अजय यादव और विपिन यादव तथा क्रिप्टोकरेंसी कारोबारी जितेंद्र कासवान को गिरफ्तार किया गया। जांच में पाया गया, तुरंत संदेश भेजने से संबंधित ऐप पर आपसी चैट के जरिए विदेशों में बैठे हैंडलर के सहयोग बड़े पैमाने पर धनशोधन का धंधा चल रहा था।

ईडी ने बताया, सैंकड़ों बैंक खातों में लेन-देन तथा क्रिप्टो करेंसी की खरीद को दर्शाने वाले 2000 से अधिक दस्तावेज बरामद किए गए हैं और उनका विश्लेषण किया जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने इस जांच के तहत एक चौथे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने दिल्ली में एक फार्महाउस पर ईडी जांच दल को ‘घुसने से रोकने तथा उसपर हमला करने’ को लेकर ‘मुख्य आरोपी’ सीए अशोक कुमार शर्मा के भाई राधेश्याम शर्मा को हिरासत में लिया गया है। ईडी ने कहा, ‘क्रिप्टो वालेट’ खोलने में इस्तेमाल में लाये गये कुछ अभियोजनयोग्य दस्तावेज, चेकबुक, एटीएम कार्ड, पैनकार्ड, डिजिटल हस्ताक्षर एवं अन्य चीजें भी जब्त की गई हैं।

समय डिजिटल डेस्क
नई दिल्ली


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