'NEET पेपर लीक केवल पटना-हजारीबाग तक सीमित, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ये सिस्टमैटिक फेलियर नहीं

Last Updated 02 Aug 2024 12:39:09 PM IST

Supreme Court on NEET Paper Leaked Case: नीट पेपर लीक(NEET Paper Leak) मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फाइनल फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि कहा कि नीट यूजी 2024 पेपर लीक सिस्टमेटिक नहीं था। ये लीक सिर्फ पटना और हजारीबाग तक सीमित था।


नीट एग्जाम में हुई अनियमितता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “ये कोई व्यवस्थागत विफलता नहीं थी, इसलिए दोबारा परीक्षा नहीं कराई जा सकती।”

कोर्ट ने कहा, “यह लीक महज पटना और हजारीबाग में ही हुई है। ऐसे में दोबारा परीक्षा कराने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।”

बता दें कि कोर्ट ने यह सुनवाई दोबारा से परीक्षा कराने के सवाल पर किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उसने प्रश्नपत्र लीक की चिंताओं के कारण विवादों से घिरी राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (NEET-UG) 2024 परीक्षा को रद्द नहीं किया क्योंकि इसकी शुचिता में कोई प्रणालीगत चूक नहीं पायी गई है।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने 23 जुलाई को सुनाए गए आदेश के विस्तृत कारणों में कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) को अपना ढुलमुल रवैया बंद करना चाहिए क्योंकि यह छात्रों के हित में नहीं है।



पीठ ने कई निर्देश जारी किए तथा एनटीए के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए इसरो के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में केंद्र द्वारा नियुक्त समिति के दायरे का विस्तार किया।

इसमें कहा गया है कि चूंकि समिति का दायरा बढ़ा दिया गया है, इसलिए समिति परीक्षा प्रणाली में कमियों को दूर करने के लिए विभिन्न उपायों पर अपनी रिपोर्ट 30 सितंबर तक प्रस्तुत करे।

पीठ ने कहा कि राधाकृष्णन समिति को परीक्षा प्रणाली को मजबूत करने के मद्देनजर उन्नत प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने पर विचार करना चाहिए।

इसमें कहा गया है कि नीट-यूजी परीक्षा के दौरान जो समस्याएं उत्पन्न हुई हैं, उन्हें केंद्र द्वारा दूर किया जाना चाहिए।

इससे पहले, 23 जुलाई को भी सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई की थी। कोर्ट ने इस बात को स्वीकार किया था कि परीक्षा की प्रणाली में किसी भी प्रकार की खामी नहीं हुई है। ऐसे में दोबारा परीक्षा कराने का कोई मतलब नहीं है।

पांच मई को 23 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) दी थी। देशभर के सरकारी और निजी मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की जाती है।

भाषा/आईएएनएस
नई दिल्ली


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