Kargil Vijay Diwas 2024: PM मोदी ने कारगिल युद्ध के वीरों को दी श्रद्धांजलि, अग्निपथ स्कीम पर विपक्ष को खूब सुनाया

Last Updated 26 Jul 2024 12:00:56 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना पर विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वे देश की रक्षा और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े एक संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।


प्रधानमंत्री मोदी ने द्रास (लद्दाख) में कारगिल युद्ध स्मारक का दौरा करने के बाद ये बात कही। उन्होंने विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई और 1999 के युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।



कार्यक्रम के बाद उन्होंने कहा, "अग्निपथ योजना हमारे रक्षा बलों के लिए आवश्यक है। दशकों से इस बात पर बहस और चर्चा होती रही है कि कैसे सुनिश्चित किया जाए कि सशस्त्र बल युवा रहे और हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहे। एक भारतीय सैनिक की औसत आयु वैश्विक औसत से अधिक है जो एक चिंता का विषय है। विभिन्न समितियों ने इस पर चर्चा की लेकिन किसी भी सरकार ने सही कदम उठाने की जहमत नहीं की।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "अग्निपथ योजना के माध्यम से इस मुद्दे को संबोधित किया गया। इस योजना का मकसद सेना को युवा और युद्ध के लिए तैयार रखना है।"

पीएम मोदी ने योजना पर राजनीति करने के लिए विपक्ष की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से, कुछ लोग अपने निजी लाभ के लिए इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जो विभिन्न रक्षा-संबंधी घोटालों में शामिल थे और हमारी सेनाओं को कमजोर किया। वे कभी नहीं चाहते थे कि वायुसेना को आधुनिक लड़ाकू विमान मिलें। ये वही लोग हैं जो तेजस लड़ाकू विमान परियोजना को ठंडे बस्ते में डालने की योजना बना रहे थे।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "कुछ लोग अग्निपथ योजना के बारे में झूठ फैला रहे हैं कि सरकार पैसे बचाने के लिए ऐसा कर रही है। लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं - पेंशन का मुद्दा 30 साल बाद आएगा, सरकार आज फैसला क्यों लेगी... इसे भविष्य की सरकार के लिए छोड़ सकती थी। लेकिन, हमने सेनाओं के फैसले का सम्मान किया। हमारे लिए यह राजनीति नहीं है... हमारे लिए देश की सुरक्षा सबसे पहले है।



पीएम मोदी ने आगे कहा, जो लोग युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, इतिहास गवाह है कि उन्हें कभी सैनिकों की चिंता नहीं रही। उन्होंने वन रैंक वन पेंशन पर झूठ बोला। यह मेरी सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन योजना लागू की... ये वही लोग हैं जिन्होंने पिछले सात दशकों में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनवाया। ये वही लोग हैं जिन्होंने हमारे सैनिकों के लिए पर्याप्त संख्या में बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं बनवाए।"

पाकिस्तान ने इतिहास से कोई सबक नहीं सीखा : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान ने इतिहास से कोई सबक नहीं सीखा है और उसने जब भी कोई दुस्साहस किया है, उसे हार का सामना करना पड़ा है।

मोदी ने करगिल विजय दिवस के मौके पर द्रास में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश के सैनिकों द्वारा दिया गया बलिदान अमर रहेगा।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद और छद्म युद्ध के जरिये प्रासंगिक बने रहने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसने जब भी कोई दुस्साहस किया है, उसे हार का सामना करना पड़ा है।

मोदी ने कहा, ‘‘आज मैं ऐसे स्थान से बोल रहा हूं, जहां से आतंकवाद के आका मेरी आवाज सीधे सुन सकते हैं। मैं आतंकवाद के सरपरस्तों को बताना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे वीर जवान आतंकवाद को कुचल देंगे और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।’’

प्रधानमंत्री का यह बयान जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी घटनाएं बढ़ने के बीच आया है।

मोदी ने कहा, ‘‘करगिल में हमने न केवल युद्ध जीता, बल्कि सत्य, संयम और शक्ति का अद्भुत उदाहरण पेश किया।’’

भारतीय सेना ने लद्दाख में स्थित करगिल की बर्फीली चोटियों पर लगभग तीन महीने तक चले युद्ध में जीत हासिल करते हुए 26 जुलाई 1999 को ‘ऑपरेशन विजय’ की सफल समाप्ति की घोषणा की थी। पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में इस दिन को ‘करगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के विकास में आने वाली हर बाधा को दूर करेगा।


 

बता दें कि कारगिल विजय दिवस भारत में एक महत्वपूर्ण दिवस है, जो हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिवस 1999 में कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की जीत की याद में मनाया जाता है।

कारगिल युद्ध मई 1999 में शुरू हुआ था, जब पाकिस्तानी सेना ने भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में कारगिल जिले के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक लंबी और कठिन लड़ाई लड़ी, जिसमें कई अधिकारियों और जवानों ने शहादत दी।

26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने कारगिल की चोटियों पर फिर से कब्जा कर लिया, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस जीत के बाद, भारत सरकार ने 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में घोषित किया।

इस दिवस पर, भारत में विभिन्न समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिनमें शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है और उनकी वीरता को याद किया जाता है।

आईएएनएस/भाषा
नई दिल्ली


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