INDI गठबंधन के नेता ही हिंदू-मुसलमान की राजनीति करते हैं, जवाब दें राहुल गांधी : शहजाद पूनावाला

Last Updated 20 Jul 2024 11:08:54 AM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) के बयान का हवाला देते हुए भाजपा (BJP) ने आरोप लगाया है कि इंडी गठबंधन के नेता ही हिंदू-मुसलमान की राजनीति करते हैं और राहुल गांधी को अब इन आरोपों का जवाब देना चाहिए।


भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला

भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला (Shehzad Poonawalla) ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन दूसरे को हिंदू मुसलमान की राजनीति (Hindu-Muslim politics) नहीं करने का लेक्चर देते हैं, लेकिन कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इंडी गठबंधन में शामिल तृणमूल कांग्रेस पर मुसलमानों को भड़काने और हिंदुओं के खिलाफ जहर बोने का आरोप लगाया है।

भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता ने इस पर राहुल गांधी से सफाई देने की मांग करते हुए कहा कि अधीर रंजन चौधरी के आरोपों से साफ है कि इंडी गठबंधन के नेता ही हिंदू-मुसलमान की राजनीति करते हैं और राहुल गांधी को इस पर अपना बयान देना चाहिए कि क्या उनके सबसे बड़े नेता झूठ बोल रहे हैं और अगर वे सच बोल रहे हैं तो फिर तृणमूल कांग्रेस इंडी गठबंधन का हिस्सा कैसे है ?

उन्होंने हिंदुओं और सनातन के खिलाफ विपक्षी नेताओं द्वारा दिए गए कई बयानों का जिक्र करते हुए कटाक्ष किया कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन के सिद्धांत हाथी के दांत खाने के अलग और दिखाने के अलग जैसे हैं।

पूनावाला ने इंडी गठबंधन में दरार की बात कहते हुए कहा कि यह विचित्र गठबंधन है। इसमें शामिल नेता एक दूसरे के खिलाफ बोलते रहते हैं। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस बनाम कांग्रेस और केरल में लेफ्ट बनाम कांग्रेस की लड़ाई है। पंजाब में आप और कांग्रेस पार्टी का पहले से ही कोई रिश्ता नहीं था और अब दिल्ली में भी इनका रिश्ता टूट गया और हरियाणा में भी आप और कांग्रेस अलग-अलग है। यह दिखाता है कि इंडी गठबंधन में शामिल दल किसी मिशन के लिए नहीं बल्कि अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाओं के लिए ही साथ आए थे।

आपको बता दें कि अधीर रंजन चौधरी पिछली लोकसभा में कांग्रेस के नेता रहे लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार यूसुफ पठान ने उन्हें पश्चिम बंगाल की उनकी लोकसभा सीट बहरामपुर से चुनाव हरा दिया। कांग्रेस के मुताबिक, मुस्लिम मतदाताओं द्वारा वोट नहीं देने की वजह से इस बार अधीर रंजन चौधरी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।

लोकसभा चुनाव में बहरामपुर से यूसुफ पठान से हारने के बाद अधीर रंजन चौधरी ने कहा था, "मैंने अपने प्रतिद्वंद्वियों के उलट अपने राजनीतिक अभियान में धार्मिक मुद्दों को लाने से खुद को दूर रखने की कीमत चुकाई। एक तरफ हिंदू वोटों में विभाजन हो गया, दूसरी तरफ मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण हुआ। आप कह सकते हैं कि मैं बीच में फंस गया, मैंने खुद को हिंदू या मुसलमान के रूप में पेश करने का कोई प्रयास नहीं किया।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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