NEET-UG Paper Leak: नीट यूजी मामले में सुनवाई टली, 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट सुना सकता है फैसला

Last Updated 11 Jul 2024 04:30:19 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने विवादों से घिरी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (NEET-UG) 2024 से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई गुरूवार को 18 जुलाई तक टाल दी।


इन याचिकाओं में नीट-यूजी 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं एवं कदाचार की जांच करने, परीक्षा रद्द करने और नये सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

शीर्ष अदालत ने कुछ याचिकाकर्ताओं को मामले में केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ओर से दाखिल हलफनामों की प्रति नहीं मिल पाने के मद्देनजर यह कदम उठाया।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि कुछ याचिककर्ताओं की पैरवी कर रहे वकीलों को केंद्र और एनटीए की ओर से बुधवार को अलग-अलग दाखिल किए गए हलफनामों की प्रति अभी तक नहीं मिली है।

उसने कहा, “अगली सुनवाई बृहस्पतिवार (18 जुलाई) को होगी।”

हालांकि, केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने याचिकाकर्ताओं के वकील को अपने हलफनामे की प्रति उपलब्ध करा दी है।

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने मामले को 15 जुलाई को सूचीबद्ध करने का आग्रह किया, लेकिन मेहता ने कहा कि वह उस दिन उपलब्ध नहीं रहेंगे।

पीठ ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने उसे नीट-यूजी 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं की जांच में हुई प्रगति पर एक स्थिति रिपोर्ट सौंपी है।

शीर्ष अदालत में बुधवार को दाखिल एक अतिरिक्त हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा था कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने नीट-यूजी 2024 के नतीजों का डेटा विश्लेषण किया है, जिसमें न तो इस बात के संकेत मिले हैं कि परीक्षा में “बड़े पैमाने पर कदाचार” हुआ था और न ही ऐसा सामने आया है कि स्थानीय उम्मीदवारों के किसी समूह को फायदा पहुंचा और उन्होंने अप्रत्याशित अंक हासिल किए।

सरकार का यह दावा उच्चतम न्यायालय की आठ जुलाई की टिप्पणी के मद्देनजर अहम है, जिसमें उसने कहा था कि अगर पांच मई को नीट-यूजी 2024 के आयोजन में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की बात सामने आती है, तो वह नये सिरे से परीक्षा कराने का आदेश दे सकता है।

केंद्र के नये हलफनामे में दावा किया गया है कि आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञों ने नतीजों के डेटा विश्लेषण में पाया कि अंक वितरण में घंटी के आकार के वक्र का अनुसरण किया गया, जो बड़े पैमाने पर कराई जाने वाली किसी भी परीक्षा में दिखता है और इसे कोई अनियमितता न होने का संकेत माना जाता है।

हलफनामे में केंद्र ने कहा कि 2024-25 के लिए स्नातक सीटों के वास्ते काउंसिलिंग की प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होगी और इसे चार चरणों में पूरा किया जाएगा।

नीट-यूजी 2024 का आयोजन करने वाली एनटीए ने भी शीर्ष अदालत में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया। एजेंसी ने कहा कि उसने राष्ट्रीय, राज्य, शहर और केंद्र स्तर पर नीट-यूजी 2024 में अंकों के वितरण का एक विश्लेषण किया है।

एनटीए ने अपने हलफनामे में कहा, “यह विश्लेषण दिखाता है कि अंकों का वितरण बिल्कुल सामान्य है और ऐसा कोई बाहरी कारक प्रतीत नहीं होता है, जो अंकों के वितरण को प्रभावित करता नजर आता है।’’

उसने हलफनामे में प्रश्न पत्रों की गोपनीय छपाई, उसे लाने-ले जाने और उसके वितरण के लिए स्थापित व्यवस्था की भी जानकारी दी।

पांच मई को 23.33 लाख से अधिक छात्रों ने 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर नीट-यूजी परीक्षा दी थी। इन शहरों में 14 विदेशी शहर भी शामिल थे।
 

भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment