ग्रामीण परिदृश्य में बदलाव, भारत में बनेंगे 5जी इंटेलिजेंट गांव

Last Updated 11 Jul 2024 09:06:31 AM IST

भारत के ग्रामीण परिदृश्य में बदलाव की बात करते हुए 5जी इंटेलिजेंट गांवों को आकार देने की चर्चा शुरू हो गई है। केंद्र सरकार का मानना है कि इंटेलिजेंट गांवों के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्‍यकता है।


5G intelligent villages

सचिव (दूरसंचार) डॉ. नीरज मित्तल ने 'स्मार्ट' और 'इंटेलिजेंट' गांवों की अवधारणा पर चर्चा करते हुए इन समुदायों के आपसी संवाद कायम करने, अपने परिवेश को समझने, डेटा संचारित करने और ज्ञान प्राप्‍त करने की क्षमता पर जोर दिया।

ऐसा इसलिए, ताकि वे जानकारी आधारित निर्णय लेने में सक्षम हों। उन्होंने उद्योग और टीएसपी से आग्रह किया कि वे आगे आएं, गांवों को अपनाएं और उन्हें इंटेलिजेंट गांव बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करें।

दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों के जीवन में क्रांति लाने के लिए 5जी जैसी भविष्य की प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी क्षमता पर बुधवार को एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का फोकस ‘ग्रामीण परिदृश्य में बदलाव: 5जी इंटेलिजेंट गांवों को आकार देना’ रहा।

कार्यशाला का आयोजन दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने किया, जो ग्रामीण विकास के लिए 5जी प्रौद्योगिकी की क्षमता को उजागर करता है। ग्रामीण विकास की गति को बढ़ाने की सरकार की प्राथमिकता पर जोर देते हुए कार्यशाला में ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार लाने के लिए कनेक्टिविटी, डिजिटल साक्षरता और टिकाऊ प्रथाओं में बदलाव के उद्देश्य से की गई पहलों को प्रदर्शित किया गया।

डिजिटल संचार आयोग की सदस्य (दूरसंचार) मधु अरोड़ा ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच डिजिटल अंतर को पाटने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि विकसित हो रही प्रौद्योगिकियों में ग्रामीण लोगों के जीवन के सभी क्षेत्रों को समृद्ध करने की क्षमता है, चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि, संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों का बुद्धिमानी से उपयोग आदि कोई भी क्षेत्र हो।

डीडीजी (एसआरआई) ए. रॉबर्ट जे रवि ने कहा कि प्रौद्योगिकी को ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन को वास्तव में बेहतर एवं मूल्यवान बनाना चाहिए। हमें 5जी इंटेलिजेंट विलेज बनाने के लिए 'इंटेलिजेंट डिस्प्ले' से लेकर माइक्रो-रोबोट तक के अभिनव समाधान विकसित करने की आवश्यकता है, जो न सिर्फ सभी क्षेत्रों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगे, बल्कि बड़े पैमाने पर समाज, विशेष रूप से ग्रामीण आबादी के लिए लाभदायक होंगे।

कार्यशाला में ‘ग्रामीण कनेक्टिविटी का आधार बनाना’, ‘वास्तविक दुनिया में उपयोग के मामले और नवाचार’, ‘एआई-संचालित वास्तविक समय निगरानी’ और ‘ऑन-ग्राउंड 5जी नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर’ जैसे सत्र शामिल थे। “इंटेलिजेंट गांवों” को आकार देने के संबंध में एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई।

इसमें अक्षय ऊर्जा, स्मार्ट कृषि, डिजिटल साक्षरता और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे विषयों पर कई प्रस्तुतियां और बातचीत शामिल थीं। कार्यशाला का उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और ग्रामीण विकास को एक साथ जोड़ना था।

इसमें 5 जी जैसे अत्याधुनिक नवाचारों को पारंपरिक ग्रामीण प्रथाओं के साथ एकीकृत करने पर जोर दिया गया, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा दिया जा सके और जीवन स्तर में सुधार लाया जा सके।

दूरसंचार विभाग की 5जी इंटेलिजेंट गांव पहल ग्रामीण समुदायों के उत्थान के लिए 5जी तकनीक की परिवर्तनकारी शक्ति का उपयोग करके समानता आधारित तकनीकी उन्नति की तत्काल आवश्यकता को पूरा करती है।

"कनेक्टिविटी गैप से लेकर स्मार्ट समाधान तक: ग्रामीण नवाचार के लिए 5जी नेटवर्क डिजाइन करना - 5जी इंटेलिजेंट विलेज" - का उद्देश्य कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, शासन और स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण विषयों को संबोधित करना है।

सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण क्षेत्र प्रगति का लाभ उठाएं और तकनीकी प्रगति और स्थिरता के वैश्विक प्रयास में पीछे न छूट जाएं। केंद्र का मानना है कि इंटेलिजेंट गांव कार्यशाला ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इंटेलिजेंट गांवों के विकास में भविष्य की प्रौद्योगिकियों और टिकाऊ प्रथाओं को एक साथ जोड़ने की सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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