Amit Shah on New Criminal Laws : तीन नए कानूनों के लागू होने पर गृह मंत्री अमित शाह ने किया एक्स हैंडल पर पोस्ट
Amit Shah on New Criminal Laws : केंद्र की मोदी सरकार ने न्यायिक प्रणाली में अभूतपूर्व बदलाव करते हुए अंग्रेजों द्वारा बनाए कानून को खत्म कर अपनी सरकार द्वारा बनाए गए कानून एक जुलाई से लागू कर दिए। आज से तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू कर दिए गए हैं।
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बता दें कि इन कानूनों में बदलाव के संबंध में बीते दिनों संसद में विधेयक पेश किया गया था। इसी साल 24 फरवरी को केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि तीन नए कानून लागू होंगे।
केंद्र के इस कदम के बाद भारतीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे लेकर अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस संबंध में उन्होंने तीन पोस्ट किए।
उन्होंने अपने पहले पोस्ट में कहा, “8वीं अनुसूची में तीनों कानून सभी भाषाओं में उपलब्ध होंगे और मुकदमे की कार्यवाही उन्हीं भाषाओं में की जाएगी। जो लोग कानूनों के नाम का विरोध कर रहे हैं, उन्होंने कभी लिखित में या किसी बैठक में अपनी आपत्ति दर्ज नहीं करायी।“
उन्होंने अपने दूसरे पोस्ट में कहा, “नए कानूनों में सबसे पहली प्राथमिकता महिलाओं व बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को दी गई है। बच्चों व महिलाओं के प्रति अपराध पर नया अध्याय जोड़कर इसे और भी संवेदनशील बनाया गया है।“
वहीं, उन्होंने अपने तीसरे पोस्ट में कहा, “नए कानूनों में आज के समय के हिसाब से धाराएं जोड़ी गयी हैं और कई ऐसी धाराएं हटाई भी गयी हैं, इससे देशवासियों को परेशानी थी।“
उन्होंने अपने चौथे पोस्ट में कहा, “नए कानूनों को हर पहलू पर चार वर्षों तक विस्तार से स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा करके लाया गया है। आजादी के बाद से अब तक किसी भी कानून पर इतनी लंबी चर्चा नहीं हुई है।“
केंद्रीय मंत्री ने आगे अपनी पोस्ट में कहा, “अपने पूर्ण कार्यान्वयन के बाद, तीन नए कानून दुनिया की सबसे उन्नत न्यायिक प्रणाली को आकार देंगे।“
उन्होंने आगे अपने पोस्ट में कहा, “कुछ लोग यह भ्रम फैला रहे हैं कि नए कानूनों में रिमांड का समय बढ़ गया है। नए कानूनों के तहत भी रिमांड का समय पहले की तरह 15 दिनों का ही है।“
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए तीनों कानूनों के बाद हिंदुस्तान की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, जहां विपक्षी दल इसकी आलोचना कर रहे हैं, वहीं सत्तापक्ष का दावा है कि इसमें भारतीय नागरिकों का हित समाहित है।
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