Delhi Water Crisis: दिल्ली सरकार के सभी मंत्रियों ने PM मोदी को लिखा खत, जल संकट पर हस्तक्षेप की मांग

Last Updated 24 Jun 2024 01:31:56 PM IST

दिल्ली सरकार के सभी मंत्रियों ने सोमवार को अपनी एक मीटिंग की। यह मीटिंग आतिशी के अनशन स्थल पर की गई। सभी की मांग है कि दिल्ली को उनके हक का पानी दिया जाए।


सभी मंत्रियों ने अपने हस्ताक्षर किए हुए पत्र को प्रधानमंत्री को भी भेजने का फैसला किया है ताकि प्रधानमंत्री भी इस मामले में हस्तक्षेप कर जल संकट को दूर कर सकें।

इसके साथ ही बैठक में प्रस्ताव लाया गया कि दिल्ली सरकार के सभी मंत्री एलजी के साथ एक जॉइंट विजिट वजीराबाद बैराज पर करेंगे ताकि सभी के सामने स्थिति साफ हो जाए।

आम आदमी पार्टी के नेता और मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सोमवार को यह अहम बैठक जल मंत्री आतिशी के अनशन स्थल पर ही की गई और इस दौरान इस बात पर चर्चा हुई कि 30 साल पहले दिल्ली को जो पानी मिल रहा था, वही 30 साल बाद भी मिल रहा है, जबकि आबादी 3 गुना से ज्यादा हो गई है।

गोपाल राय के मुताबिक, 30 साल पहले 1000 एमजीडी पानी जो तय हुआ था, लगभग वही पानी अभी भी मिल रहा है और अब जब मांग गर्मियों में बढ़ जाती है तो उसमें भी कटौती कर दी जाती है। 100 एमजीडी रोजाना पानी कम मिलने के चलते करीब 46 करोड़ लीटर पानी दिल्ली वालों को कम मिल रहा है, जिससे लगभग 28 लाख दिल्ली की जनता पानी के लिए तरस रही है।

गोपाल राय ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री भी दिल्ली के जल संकट पर पूरी तरीके से मौन हैं और वह किसी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं, जबकि हरियाणा और केंद्र दोनों जगह डबल इंजन की सरकार है।

गोपाल राय ने बताया कि इससे पहले भी आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री केंद्रीय जल मंत्री, एलजी समेत सभी लोगों से मुलाकात और बातचीत कर चुके हैं। लेकिन अभी तक जल संकट का कोई भी समाधान निकलता दिखाई नहीं दे रहा है।

गोपाल राय ने कहा कि आज की मीटिंग में दो महत्वपूर्ण एजेंडा रखा गया, जिन पर चर्चा हुई और उनके मुताबिक दिल्ली के मंत्रियों का हस्ताक्षर किया हुआ एक पत्र प्रधानमंत्री के नाम लिखा गया है जो उन्हें भेजा जा रहा है, ताकि वह इस जल संकट को दूर करने में दिल्ली सरकार की मदद करें।

गोपाल राय ने बताया कि दूसरा प्रस्ताव यह रखा गया था कि दिल्ली के एलजी दिल्ली सरकार के सभी मंत्रियों और अधिकारियों के साथ वजीराबाद पुल और मुनक नहर का दौरा एक साथ करें और तब यह स्थिति स्पष्ट होगी कि हरियाणा सरकार जो कह रही है, वह कर रही है या नहीं। लगातार रजिस्टर मेंटेन होता है कि कितना पानी हरियाणा से आया है कितना पानी पहुंचा है। वह भी चेक किया जा सकता है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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