पुणे पोर्श कार हादसे पर राहुल गांधी के बयान पर BJP का पलटवार, बोली- यह उनकी मानसिकता दर्शाता है
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्श कार हादसे पर राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा है कि उनका बयान उनकी मानसिकता दर्शाता है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी (फाइल फोटो) |
न्यायिक व्यवस्था क्या नेता के नियंत्रण में होती है?महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्श कार हादसे पर राहुल गांधी द्वारा दिए बयान के बारे में पूछे जाने पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बहुत ही संवेदनशीलता के साथ समुचित कानूनी उपाय का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी भरोसा दिया है। लेकिन राहुल गांधी ने जो बात कही है, यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है। न्यायिक व्यवस्था क्या नेता के नियंत्रण में होती है?
उन्होंने आगे कहा, "हां, राहुल गांधी! आपकी सरकार के समय ऐसा होता होगा और हमें याद है आपकी दादी (तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) ने कहा था कि कमिटेड जुडिशरी होनी चाहिए। और आपकी दादी के समय आपातकाल में कोर्ट में खड़े होकर एक वकील ने यह भी कहा था कि अगर पुलिस वाला किसी को गोली भी मार दे तो भी जज देखते रहने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। रही बात न्यायिक-व्यवस्था के महंगे होने की तो देश के सबसे महंगे वकीलों को तो आपने संसद भेजा हुआ है, जो लाखों रुपए की फीस लेते हैं। जरा कहिये अपने साथियों से कि वे इस सिस्टम को सस्ता करने का प्रयास करें।"
राहुल के बयान पर फडणवीस का पलटवार
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले पर राहुल गांधी के बयान की आलोचना की।
देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "इस तरह के बयान से राहुल गांधी जैसे व्यक्ति का मान-सम्मान नहीं बढ़ता। उन्हें इससे बचना चाहिए था।"
उन्होंने राहुल गांधी के मंगलवार को देर रात के वीडियो बयान का जिक्र करते हुए कहा, "राहुल गांधी को शायद इस मामले में पुणे पुलिस की सख्त कार्रवाई की जानकारी नहीं थी। इसलिए हर बार केवल वोट पाने के लिए इतने संवेदनशील मुद्दे का इस तरह से राजनीतिकरण करना उनके लिए उचित नहीं है।"
राहुल गांधी ने कहा था कि जब कोई ऑटो रिक्शा चालक, कैब चालक, बस या ट्रक चालक अनजाने में किसी की हत्या कर देता है तो उसे 10 साल के लिए जेल में डाल दिया जाता है। यहां तक कि जेल की चाबियां भी फेंक दी जाती हैं। वहीं, अगर अमीर परिवार का 17 साल का लड़का नशे में धुत होकर पोर्श कार से कुचलकर दो लोगों को मार देता है और उसे निबंध लिखवाकर छोड़ दिया जाता है।
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