RBI गवर्नर ने क्यों कहा,हाथी जंगल की ओर लौट रहा है ?
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति(MPC) की बैठक में गवर्नर शशिकांत दास ने महंगाई की तुलना हाथी से की।
RBI गवर्नर शशिकांत दास |
इस मीटिंग में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए दास ने कहा कि महंगाई को सबसे बड़ी चुनौती के रूप में लिया गया और मीटिंग में इस पर सबसे ज्यादा फोकस रहा। दास ने महंगाई की तुलना हाथी से करते हुए उम्मीद जताई कि अब हाथी जंगल की ओर लौट रहा है। यानी महंगाई अब चार फीसदी के दायरे में लौट रही है। दास ने कहा, 'सबसे बड़ी चुनौती सीपीआई महंगाई थी। यह कमरे में हाथी की तरह था। लेकिन अब यह हाथी घूमने के लिए निकल गया है और ऐसा लग रहा है कि यह जंगल की ओर लौट रहा है।' उन्होंने कहा कि महंगाई में धीरे-धीरे कमी आ रही है। हालांकि उन्होंने माना कि सर्विस प्राइस से लगातार प्रेशर बना हुआ है जिसके कारण महंगाई ऊंचे स्तर पर बनी हुई है।
आरबीआई चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 5.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है। दास ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए कहा कि इस वर्ष मॉनसून की स्थिति को सामान्य मानते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई के 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पहली तिमाही में महंगाई 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।
दास ने अप्रैल-जून के बीच ऊंचे तापमान के अनुमान को देखते हुए खाद्य पदार्थों की कीमतों के मोर्चे पर सतर्क रहने की जरूरत बताई है। उन्होंने यह भी कहा कि ईंधन की कीमतों में कमी का असर आने वाले महीनों में महंगाई पर दिखाई देगा। हालांकि, दास ने कहा कि ऐसा लगता है कि हाथी (महंगाई) टहलने गया है और आरबीआई चाहता है कि वह जंगल में ही रहे। केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के स्तर पर रखने का लक्ष्य दिया है।
| Tweet |