मेइती चरमपंथियों पर सरकार ने लगाया बैन, किन संगठनों पर लगा प्रतिबंध, क्यों लगाया, आइए जानें
सरकार ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और सुरक्षाबलों पर घातक हमले करने को लेकर सोमवार को नौ मेइती चरमपंथी समूहों तथा उनके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया, जो ज्यादातर मणिपुर में सक्रिय हैं।
गृह मंत्रालय |
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, जिन समूहों को पांच साल के लिए प्रतिबंधित घोषित किया गया है, उनमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट, यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट और इसकी सशस्त्र शाखा मणिपुर पीपुल्स आर्मी शामिल हैं।
इनमें पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक और इसकी सशस्त्र शाखा रेड आर्मी, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी तथा इसकी सशस्त्र शाखा (जिसे रेड आर्मी भी कहा जाता है), कांगलेई याओल कनबा लुप, कोआर्डिनेशन कमेटी और एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलेईपाक शामिल हैं।
पीएलए, यूएनएलफ, पीआरईपीएके, केसीपी, केवाई केएल को कई साल पहले गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित घोषित किया गया था और नवीनतम कार्रवाई ने प्रतिबंध को पांच साल तक बढ़ा दिया है। अन्य संगठनों के गैरकानूनी घोषित होने की घोषणा ताज़ा है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार की राय है कि यदि मेइती चरमपंथी संगठनों पर तत्काल अंकुश और नियंत्रण नहीं किया गया तो उन्हें अपनी अलगाववादी, विध्वंसक, आतंकवादी और ¨हसक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए अपने कैडर को संगठित करने का अवसर मिलेगा।
किन संगठनों पर लगा बैन
► पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट, यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट, मणिपुर पीपुल्स आर्मी, पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक, रेड आर्मी, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी, कांगलेई याओल कनबा लुप, कोआर्डिनेशन कमेटी, एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलेईपाक
क्यों लगाया
► अलगाववादी, विध्वंसक, आतंकी और ¨हसक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए
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