Odd-Even: बढ़ते एयर पॉल्यूशन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फिर फटकारा, कहा- हमें नतीजे चाहिए

Last Updated 10 Nov 2023 01:09:11 PM IST

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फिर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि अब हमें सिर्फ नतीजे चाहिए।


इस बीच सुप्रीम कोर्ट में आज दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण और पराली जलाए को लेकर सुनवाई हो रही है। मामले की सुनवाई जस्टिन संजय किशन कौल सहित तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है।

खबर को लेकर बड़ा अपडेट है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तावित ऑड-ईवन योजना पर एक बार फिर से सवाल उठाए और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्ली में ऑड-ईवन लागू करना चाहिए या नहीं, ये फैसला खुद दिल्ली सरकार तय करे। बेंच ने ये भी कहा कि पराली जलाने से रोकना होगा।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन से कुछ खास फायदा नहीं हुआ है। तो वहीं, दिल्ली सरकार का पक्ष रखते हुए वकील ने कहा कि हमारी कराई रिसर्च बताती है कि इस स्कीम से थोड़ा सुधार हुआ है. सड़कों पर ट्रैफिक घटा है।

इसमें कहा गया है कि दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) ने 4-15 नवंबर, 2019 के दौरान सम-विषम योजना का यातायात प्रभाव आकलन किया और पाया कि सड़क पर 30 प्रतिशत व्यक्तिगत कार यातायात कम हो गया था।

हालांकि, दोपहिया यातायात में 6.5 प्रतिशत, टैक्सी में 19.5 प्रतिशत, ऑटो में 7.5 प्रतिशत और बसों में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

राष्ट्रीय राजधानी की सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि यातायात में कमी के कारण दिल्ली की विभिन्न प्रमुख सड़कों पर औसत गति 2 से 15 प्रतिशत के बीच बढ़ गई है।

अध्ययन के एक भाग के रूप में किए गए जनमत सर्वेक्षणों पर भरोसा करते हुए, इसमें कहा गया है, "ऑड-ईवन योजना के दौरान 36 प्रतिशत लोग कार से मेट्रो, बस, दोपहिया, टैक्सी और ऑटो मोड में चले गए।"

समग्र विश्लेषण से पता चलता है कि लगभग आधे (46 प्रतिशत) उपयोगकर्ता चाहते हैं कि योजना को स्थायी रूप से लागू किया जाए, जबकि 32 प्रतिशत लोगों ने केवल उच्च प्रदूषण वाले दिनों के दौरान योजना को लागू करने का सुझाव दिया है।

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया गया कि ऑड-ईवन योजना के कार्यान्वयन के दौरान औसतन प्रतिदिन ईंधन की खपत में लगभग 15 प्रतिशत की कमी आई थी।

दिल्ली सरकार ने कहा कि ऑड-ईवन ड्राइव योजना ने मोटे तौर पर दिल्ली की सड़कों पर भीड़भाड़ में कमी के साथ-साथ सार्वजनिक परिवहन की हिस्सेदारी में वृद्धि के अलावा, वाहनों द्वारा योगदान किए गए वायु प्रदूषण में कमी लाने में सकारात्मक प्रभाव का संकेत दिया है।

इसने 1-15 जनवरी, 2016 और 15-30 अप्रैल, 2016 के दौरान ऑड-ईवन योजना के पहले दो कार्यान्वयन में विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा किए गए दो स्वतंत्र और वैज्ञानिक मूल्यांकन के निष्कर्षों पर भी भरोसा किया है।

शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च और हार्वर्ड केनेडी स्कूल से संबद्ध शोधकर्ताओं द्वारा किए गए विश्लेषणों में से एक में पाया गया कि जनवरी 2016 में सम-विषम योजना के दौरान सुबह 8 से रात 8 बजे के दौरान पीएम 2.5 का स्तर औसतन 13 प्रतिशत कम था।

आईआईटी-दिल्ली और कानपुर के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अन्य प्रभाव मूल्यांकन ने निष्कर्ष निकाला कि 2016 में 1-15 जनवरी के बीच यातायात प्रतिबंध ने दिल्ली में पीएम 2.5 को 4-6 प्रतिशत तक कम कर दिया।

क्या है ऑड-ईवन फार्मूला

ऑड-ईवन फार्मूला में ऑड (विषम) तारीख को ऑड नंबर की गाड़ियां और ईवन (सम) तारीख को ईवन नंबर की गाड़ियां सड़कों पर चलती हैं। ये गाड़ियों की नंबर प्लेट के आखिरी अंक से निर्धारित होता है। अगर आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट का आखिरी अंक ईवन है तो आप ईवन तारीख वाले दिन गाड़ी चला सकते हैं। इसी तरह आपकी गाड़ी का आखिरी नंबर ऑड है तो आप ऑड तारीख को गाड़ी चला सकते हैं।
 

 

आईएएनएस/समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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