Cash-For-Query Case: महुआ मोइत्रा के मामले में अब 9 नवंबर को होगी आचार समिति की बैठक
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ लगाए गए ‘रिश्वत के बदले संसद में प्रश्न पूछने’ से संबंधित आरोप के मामले पर लोकसभा की आचार समिति की बैठक मसौदा रिपोर्ट पर विचार करने और उसे स्वीकारने के लिए अब सात नवंबर से नौ नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (फाइल फोटो) |
लोकसभा सचिवालय के नोटिस में यह जानकारी दी गई है।
समिति की बैठक स्थगित करने के लिए आधिकारिक तौर पर कोई कारण नहीं बताया गया है।
मसौदा रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए बैठक बुलाने का मतलब है यह कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली इस समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है और अब अपनी सिफारिशें देगी। गत दो नवंबर को हुई समिति की आखिरी बैठक में सदस्यों ने अपनी पार्टी के रुख के हिसाब से राय जाहिर की थी।
इस 15 सदस्यीय समिति में भाजपा के सदस्यों का बहुमत है और ऐसे में माना जा रहा है कि समिति मोइत्रा के खिलाफ लगे आरोप को लेकर गंभीर रुख अपनाएगी।
ऐसे संकेत मिले हैं कि विपक्षी सदस्यों के असहमति नोट दिए जाने की संभावना के बीच समिति लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपनी रिपोर्ट में तृणमूल कांग्रेस सांसद के खिलाफ सिफारिश कर सकती है।
गत दो नवंबर को समिति की बैठक में मौजूद सभी पांच विपक्षी सदस्य यह आरोप लगाते हुए बैठक से बाहर चले गए थे कि सोनकर ने मोइत्रा की यात्रा, होटल में ठहरने और टेलीफोन पर बात करने के संबंध में उनसे व्यक्तिगत और अशोभनीय प्रश्न पूछे थे।
मोइत्रा ने बैठक के बाद आरोप लगाया कि उनका एक तरह से ‘‘वस्त्रहरण’’ किया गया।
समिति अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा था कि यह सब तृणमूल कांग्रेस की सांसद को बचाने के लिए किया गया।
भाजपा सांसद सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर रिश्वत के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि यह हीरानंदानी ही थे जिन्होंने मोइत्रा के सांसद वाले लॉगिन का उपयोग विभिन्न स्थानों, ज्यादातर दुबई से प्रश्न दर्ज करने के लिए किया था।
मोइत्रा ने स्वीकार किया है कि हीरानंदानी ने उनके लॉगिन का उपयोग किया, हालांकि उन्होंने किसी तरह के आर्थिक लाभ के आरोप को खारिज किया है।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद का कहना है कि अधिकतर सांसद अपने लॉगिन का विवरण दूसरों के साथ साझा करते हैं।
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