Manipur Curfew: BJP पर भड़की कांग्रेस, जयराम रमेश बोले- मणिपुर में हिंसा का दौर जारी, BJP की नजर में स्थिति सामान्य
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मणिपुर में इम्फाल घाटी के सभी पांच जिलों में कर्फ्यू लगाए जाने के बाद बुधवार को सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में चार महीने बाद भी हिंसा का दौर जारी है, लेकिन भाजपा की डबल इंजन सरकार की नजरों में स्थिति 'सामान्य' है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश (फाइल फोटो) |
राष्ट्रीय राजधानी में जी-20 की जोरों पर चल रही तैयारियों के बीच केंद्र पर कटाक्ष करते हुए रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''नई दिल्ली में जी-20 हो रहा है, जबकि इम्फाल घाटी के सभी पांच जिलों में अगले पांच दिन पूर्ण कर्फ्यू रहेगा। हिंसा का दौर चार महीने बाद भी जारी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार के लिए मणिपुर में स्थिति 'सामान्य' है।''
G20 is happening in New Delhi while all 5 districts of Imphal Valley will be under full curfew for the next 5 days. The cycle of violence continues even after 4 months, but for Modi Sarkar’s double engine Sarkar the situation is ‘normal’ in Manipur.https://t.co/hBGvUycs27
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 6, 2023
उनकी यह टिप्पणी एहतियात के तौर पर इम्फाल घाटी के सभी पांच जिलों में अगले पांच दिनों के लिए कर्फ्यू लगाए जाने के बाद आई है।
गंभीर कानून-व्यवस्था की समस्याओं की आशंका के कारण, मणिपुर सरकार ने बुधवार को मेइती बहुल पांच घाटी जिलों में कर्फ्यू में ढील रद्द कर दी है। प्रशासन ने कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी (सीओसीओएमआई) द्वारा बुलाए गए विरोध मार्च के मद्देनजर बड़े पैमाने पर सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
मैतेई समुदाय की एक प्रमुख संस्था सीओसीओएमआई और उसकी महिला शाखा ने आदिवासी बहुल चुराचांदपुर जिले से कुछ किलोमीटर दूर बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में सेना के बैरिकेड को हटाने के लिए बुधवार को विरोध मार्च बुलाया।
अधिकारियों ने कहा कि घाटी के सभी पांच जिलों - बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इम्फाल पश्चिम और इम्फाल पूर्व में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है और मंगलवार शाम से एहतियात के तौर पर विभिन्न जिलों में सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है।
पिछले कई सप्ताह से घाटी के सभी पांच जिलों में सुबह पांच बजे से शाम छह बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी।
मणिपुर में 3 मई को हिंसक जातीय झड़पें शुरू हुईं और तब से अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
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