Jammu-Kashmir में किसी भी समय हो सकते हैं चुनाव, फैसला निर्वाचन आयोग लेगा: केंद्र ने Supreme Court से कहा

Last Updated 31 Aug 2023 12:20:02 PM IST

केंद्र ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) से कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव किसी भी समय हो सकते हैं और इस मुद्दे पर निर्णय निर्वाचन आयोग को लेना है।


उच्चतम न्यायालय

सरकार ने यह बात केंद्रशासित प्रदेश में चुनावी लोकतंत्र और पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली पर एक प्रारूप प्रस्तुत करते हुए कही।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर निर्णय भारत निर्वाचन आयोग और राज्य चुनाव आयोग को लेना है।

मेहता ने पीठ को बताया कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन स्तरों पर होंगे- पहला पंचायत चुनाव, दूसरा नगर निकाय चुनाव और फिर विधानसभा स्तर पर चुनाव होगा।

केंद्र ने 29 अगस्त को शीर्ष अदालत से कहा था कि जम्मू-कश्मीर की केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति "स्थायी" नहीं है और वह 31 अगस्त को अदालत में इस जटिल राजनीतिक मुद्दे पर एक विस्तृत बयान देगा।

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सरकार से पूर्ववर्ती राज्य में चुनावी लोकतंत्र की बहाली के लिए एक विशिष्ट समयसीमा निर्धारित करने को कहा था।

केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई सटीक समय-सीमा नहीं बता सकती।

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही संविधान पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “हम जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने के लिए उत्तरोत्तर आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन, मैं पूर्ण राज्य के दर्जे के बारे में अभी सटीक समय अवधि बताने में असमर्थ हूं।'' 

मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार है, क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को अपडेट करने का काम काफी हद तक पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि चुनाव का निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जायेगा।

मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय सीमा के बारे में केंद्र सरकार से निर्देश मांगने को कहा, जि‍से 2019 में दो केंद्र शासित प्रदेशों में डाउनग्रेड कर दिया गया था।

सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने इस बात पर जोर दिया था कि पूर्ववर्ती राज्य "स्थायी रूप से केंद्र शासित प्रदेश" नहीं हो सकता, और कहा कि लोकतंत्र की बहाली बहुत महत्वपूर्ण थी।

 

भाषा/आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment