संसद भवन पर सियासत: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने से विपक्षी दलों का इंकार

Last Updated 24 May 2023 11:19:24 AM IST

कांग्रेस सहित 18 अन्य दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। भाजपा सरकार पर राष्ट्रपति मुर्मू को "दरकिनार" करने का आरोप लगाया गया है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 28 मई को नए संसद भवन (New Parliament House) के उद्घाटन किए जाने पर विपक्षी दल एकजुट होते दिख रहे हैं। कांग्रेस के बाद आप( AAP), माकपा (CPM),आरजेडी(RJD), जेडीयू(JDU), सपा (SP) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा उद्घाटन की मांग कर चुके हैं।

नए संसद भवन के उद्घाटन की खबर के साथ ही पॉलिटिकल दल एक्शन मोड में आ गए हैं। कांग्रेस ने नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा करवाने की मांग की थी, अब उसके साथ आप(AAP), माकपा (CPM),आरजेडी जेडीयू, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) खड़ी नजर आ रही है।

आम आदमी पार्टी, टीएमसी, आरजेडी, जेडीयू, शिवसेना, डीएमके समेत कई दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आज मीडिया से कहा कि हमारी सभी लोगों से बात हुई है हम लोग इसका बहिष्कार करेंगे। हम लोगों का मानना है कि नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए क्योंकि संसद का हेड राष्ट्रपति होता है और ये उद्घाटन उनसे न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है।


शिवसेना,उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने इस कार्यक्रम पर विरोध जताते हुए कहा कि यह (पुराना) संसद भवन ऐतिहासिक है और इस संसद भवन से न RSS और न भाजपा का कोई रिश्ता है। यह खर्चा सिर्फ शिला पर 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा का उद्घाटन किया गया' लिखाए जाने के लिए हो रहा है। संविधान के अभिरक्षक राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया जा रहा।

संजय राउत ने आगे कहा कि इसीलिए देश के विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। द्रौपदी मुर्मू जी को आदिवासी महिला के नाम पर राष्ट्रपति बनाया लेकिन उनको राष्ट्रपति भवन से बाहर तक नहीं आने दिया जाता।

 DMK (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम)ने भी नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी आज कहा कि नई संसद के उद्घाटन में देश की राष्ट्रपति को नहीं आमंत्रित करना..ये आदिवासी समाज, दलित समाज, पिछड़े समाज का अपमान है और ये प्रदर्शित करता है कि बीजेपी की मानसिकता आदिवासी, दलित और पिछड़ा विरोधी है, वरना संसद के उद्घाटन में अगर आप राष्ट्रपति को ही नहीं बुला रहे हैं तो फिर आप क्या संदेश देना चाहते हैं? AAP पार्टी इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी और हम लोग इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन किए जाने के ऐलान के बाद से ही भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है।

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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