उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने लेखपाल भर्ती परीक्षा के दौरान कथित रूप से कदाचार करने के आरोप में छात्रों, सॉल्वर सहित 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। सॉल्वर ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से परीक्षा में जवाब लिख रहे थे।
|
पहली गिरफ्तारी प्रयागराज में की गई, जहां दो 'सॉल्वर' -- नरेंद्र कुमार पटेल और संदीप पटेल, कथित तौर पर एक कार में बैठकर परीक्षा के सवालों का जवाब लिखते पाए गए। गुप्त सूचना के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ से मिला जानकारी के कारण रविवार को बाद में कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, वाराणसी, गोंडा और बरेली से और गिरफ्तारियां हुईं।
गिरफ्तार किए गए सॉल्वर गिरोह के पास से ब्लूटूथ डिवाइस बरामद की गई हैं।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि सॉल्वरों के गिरोह ने अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ डिवाइस दिए थे। ब्लूटूथ डिवाइस इतना छोटा था कि यह कान के बाहर से दिखाई नहीं देता था।
ब्लूटूथ डिवाइस का माइक एटीएम कार्ड जैसी चिप में लगा हुआ था और इस कार्ड को बनियान में गले के नीचे रखा गया था।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने बताया कि, लेखपाल भर्ती मुख्य परीक्षा रविवार को राज्य के 12 जिलों के 501 केंद्रों पर आयोजित की गई, जिसमें करीब ढाई लाख उम्मीदवार शामिल हुए।
कुमार ने कहा कि परीक्षा के केंद्र अयोध्या, अलीगढ़, आगरा, बरेली, मेरठ, गोरखपुर, प्रयागराज, मुरादाबाद, झांसी, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी में थे।
एसटीएफ ने रैकेट के सरगना विजय कांत पटेल को प्रयागराज जिले के ट्रांसगंगा क्षेत्र के फाफामऊ थाना क्षेत्र के गोहरी सोरों रोड के पास से गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ ने उनके पास से 15 ब्लूटूथ ईयरबड, छह सिम कार्ड, छह ईयरबड सेल, नौ ब्लूटूथ डिवाइस कार्ड, 10 मोबाइल सेट, एक एसयूवी, एक पैन कार्ड, एक डीएल और 620 रुपये नकद भी जब्त किए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (प्रयागराज) शैलेश कुमार पांडे ने कहा, "रैकेट के सरगना विजय कांत ने पुलिस को बताया कि 2012 में पॉलिटेक्निक की परीक्षा पास करने के बाद वह प्रयागराज में एक कुख्यात नकल माफिया के संपर्क में आया, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के उम्मीदवारों को लुभाने के लिए नकल माफिया और उसके रैकेट के तौर-तरीकों के बारे में जानने के लिए।"
2019 में अपनी नौकरी छोड़ने के बाद, विजय कांत ने पैसे के बदले विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में उम्मीदवारों के चयन में खुद को पूरी तरह से शामिल कर लिया और उनका चयन सुनिश्चित करने में भी कामयाब रहे।
इस संबंध में फाफामऊ थाने में आईपीसी की धारा 419 और 420, आईटी अधिनियम की धारा 66 डी और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की धारा 3,4 और 10 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
| | |
|