बांग्लादेश में इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर विरोध जारी है। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भी चिन्मय दास की गिरफ्तारी की निंदा की है। उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और भारत सरकार से अपील की है कि वहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर हस्तक्षेप करें।
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मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मांग करते हुए कहा कि चिन्मय दास को बांग्लादेश सरकार फौरन रिहा करे। भारत सरकार बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर हस्तक्षेप करे। बांग्लादेश में ऐसे हालात तब हुए हैं, जबसे शेख हसीना की सरकार हटाई गई है। उनकी जगह मोहम्मद यूनुस को सत्ता मिली है। उनके सत्ता में आते ही अल्पसंख्यकों पर अत्याचार शुरू हो गया है। उसी सिलसिले में सनातनी चेतना के मुखिया को ढाका से गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ्तारी से भारत के मुस्लिम चिंतित हैं।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार की इस हरकत से एक गलत संदेश जा रहा है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दी जाए। उन पर जो जुल्म हो रहे हैं, वो रुकें। उसके लिए बांग्लादेश और भारत सरकार को दखल देना चाहिए।
वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर चिन्मय दास की गिरफ्तारी और जमानत नहीं दिए जाने पर गहरी चिंता जताई है। इसके साथ ही बांग्लादेश से सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। जबकि, शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांग करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन करने पर इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु पर कार्रवाई की गई थी। उनको देशद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में बांग्लादेश पुलिस ने ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। इसके खिलाफ हिंदू समुदाय के लोग ढाका की सड़कों पर उतर पड़े थे।
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