डब्ल्यूबीएसएससी घोटाला: गलत करने वालों को मिले सजा : ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राज्य के वाणिज्य और उद्योग मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव, पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी से उनका कोई संबंध नहीं है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी |
हुगली जिले के उत्तरपारा में टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड के एक समारोह में उन्होंने कहा, "एक बड़ा संगठन चलाते समय कुछ गलतियां होना तय है। अगर कोई गलत करता है और यह कानूनी रूप से साबित हो जाता है, तो गलत करने वाले को दंडित किया जाएगा।"
हालांकि, उन्होंने इस मामले में ईडी के संचालन के तरीके पर केंद्र सरकार के खिलाफ तीखा हमला भी किया।
"1 जुलाई को हमने कोलकाता में एक मेगा रैली का आयोजन किया जिसमें रिकॉर्ड लोग शमिल हुए। ईडी का ऑपरेशन अगले दिन सुबह 5 बजे से शुरू हुआ। ईडी निश्चित रूप से कार्रवाई कर सकता है। लेकिन क्या सुबह-सुबह उस कार्रवाई की आवश्यकता थी। यह एजेंसियों का इस्तेमाल कर मेरी सरकार की छवि खराब करने की एक सोची समझी चाल है।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि केंद्र सरकार और भाजपा पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई राज्य सरकार को गिराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही हैं, जैसा कि उन्होंने महाराष्ट्र के मामले में किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, "लेकिन पश्चिम बंगाल में, वह प्रयास सफल नहीं होगा। भाजपा को रॉयल बंगाल टाइगर का सामना करना होगा, इससे पहले कि वे अनुचित तरीकों से सत्ता हथियाने की कोशिश करें।"
उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार का ²ष्टिकोण स्वतंत्रता पूर्व भारत में अंग्रेजों से भी बदतर है। लेकिन मैं अभी इतना ही कह सकती हूं कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्ता हासिल नहीं कर पाएगी। मुझे नहीं पता कि यह कैसे होगा। लेकिन निश्चित रूप से बीजेपी 2024 में सत्ता में वापस नहीं आएगी।
बनर्जी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सभी विकास कार्यों से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। वे जानते हैं कि वे राजनीतिक रूप से तृणमूल कांग्रेस का मुकाबला नहीं कर पाएंगे और इसलिए वे केंद्रीय एजेंसियों को ढीला कर रहे हैं। यहां तक कि मेरे परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम भी मुझे बता रहे थे कि ईडी अधिकारी नियमित रूप से उस इलाके में आ रहे हैं जहां वह रहते हैं।"
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