चर्च ऑफ साउथ इंडिया (सीएसआई) के बिशप ए. धर्मराज रसलाम चर्च के कारकोणम मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के सिलसिले में बुधवार को कोच्चि में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए।
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बिशप मंगलवार को ईडी द्वारा उनके समक्ष पेश होने के लिए जारी किए गए नोटिस के बाद बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे कोच्चि में ईडी कार्यालय पहुंचे।
बिशप मंगलवार को इंग्लैंड में आयोजित होने वाले लैम्बेथ सम्मेलन में भाग लेने के लिए जा रहे थे किन्तु उन्हें हवाई अड्डे पर ही रोक दिया गया।
चर्च से जुड़े सूत्रों ने बुधवार सुबह ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया कि बिशप दिन में एजेंसी के सामने पेश होने के लिए पहले ही कोच्चि पहुंच चुके हैं।
मंगलवार को चर्च के एक अधिकारी ने कहा था कि बिशप ‘‘लैम्बेथ सम्मेलन में भाग लेने वाले थे जिसे कैंटरबरी के आर्कबिशप द्वारा बुलाया गया था। यह एंग्लिकन कम्युनियन के बिशपों का एक संगठन है।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘ बिशप को बिना किसी पूर्व सूचना के हवाई अड्डे पर रोक दिया गया था। ईडी ने कल निरीक्षण किया था, लेकिन उन्होंने यह चेतावनी नहीं दी कि बिशप को सम्मेलन में भाग लेने के लिए देश नहीं छोड़ना चाहिए।’’
ईडी ने कारकोणम मेडिकल कॉलेज से संबंधित मामले में सोमवार को चर्च से जुड़े संस्थानों पर छापेमारी की थी। मामला, कारकोणम में चर्च द्वारा संचालित डॉ सोमेरवेल मेमोरियल सीएसआई मेडिकल कॉलेज में छात्रों को सीट दिलाने का वादा कर उनसे कथित तौर पर भारी रकम लेने से जुड़ा है।
हालांकि, क्रिश्चियन एजुकेशन बोर्ड के निदेशक फादर सी. आर. गॉडविन ने मीडिया से कहा है कि इस मामले में अपराध शाखा पहले ही जांच कर चुकी है। इससे पहले फरवरी में उच्च न्यायालय ने कारकोणम मामले में चर्च के अधिकारियों को क्लीन चिट देने पर अपराध शाखा की रिपोर्ट खारिज कर दी थी।
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