आपत्तिजनक कॉन्टेंट पर संसद में सोनिया गांधी ने उठाया था मुद्दा, CBSE ने वापस लिया विवादित पैसेज

Last Updated 13 Dec 2021 03:03:36 PM IST

कांग्रेस ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं की परीक्षा के अंग्रेजी विषय के प्रश्न पत्र में पूछे गए एक सवाल पर केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा।


शिक्षा मंत्रालय और CBSE पर भड़की सोनिया गांधी

सीबीएसई दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के तहत 11 दिसंबर को अंग्रेजी का टेस्ट आयोजित किया गया था। अंग्रेजी की इस परीक्षा में महिलाओं को लेकर लिखे गए एक पैराग्राफ पर कई संगठनों ने अपनी सख्त आपत्ति दर्ज की है। महिला संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक दलों ने भी इसे महिलाओं के लिए आपत्तिजनक तथ्य करार दिया। इस विरोध के बाद अब सोमवार को सीबीएसई ने विवादास्पद पैराग्राफ को परीक्षा से हटाने लेने का फैसला लिया है।

इस पैराग्राफ के बदले सभी छात्रों को पूर्ण अंक प्रदान किए जाएंगे। दरअसल सीबीएसई ने अपने एक पैराग्राफ में कुछ इस तरह की बातें लिखीं, जिनसे यह दर्शाया गया कि पत्नी को पति की प्रत्येक आज्ञा का पालन करना चाहिए।

इस पैराग्राफ में लिखा गया है कि महिलाओं की स्वतंत्रता ने बच्चों पर अभिभावकों यानी माता-पिता के अधिकार को समाप्त कर दिया है और महिलाएं बतौर पत्नी अपने पति के तौर-तरीकों को मानते हुए ही एक मां के रूप में सम्मान हासिल कर सकती है। साथ ही इस पैराग्राफ में कहा गया है कि पत्नियां अपने पति की कही गई बातें नहीं मानती, जिसके कारण बच्चे अनुशासनहीन हो रहे हैं, यह सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं का एक प्रमुख कारण है।

आईआईटी मद्रास की छात्रा रह चुकी लक्ष्मी रामचंद्रन ने कहा कि यह अपमानजनक रूप से निर्थक पैराग्राफ है। 10 वीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के पेपर में दिखाई दिया। हम अपने बच्चों को क्या पढ़ा रहे हैं, सीबीएसई को स्पष्टीकरण देना होगा और हमारे बच्चों को इसके लिए उकसाने के लिए माफी मांगनी होगी।

सीबीएसई द्वारा प्रश्न पत्र में इस तरह का पैराग्राफ देने का कई लोगों ने विरोध किया है। इस सम्बंध में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा, अविश्वसनीय! क्या हम वाकई बच्चों को यह बकवास सिखा रहे हैं? स्पष्ट रूप से बीजेपी की सरकार महिलाओं पर इन विचारों का समर्थन करती है, नहीं तो वो इसे सीबीएसई पाठ्यक्रम में क्यों शामिल करते?

वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे घृणित बताते हुए भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा , आरएसएस-बीजेपी युवाओं के मनोबल और भविष्य को कुचलने की साजिश कर रहे हैं। बच्चों, अपना सर्वश्रेष्ठ करो। मेहनत रंग लाती है, कट्टरता नहीं।

इस मसले को कांग्रेस सोनिया गांधी ने सोमवार को लोकसभा में कहा, शिक्षा मंत्रालय को जेंडर के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। सीबीएसई के सिलेबस में महिलाओं को लेकर जो भी आपत्तिजनक कंटेंट है, उसे तुरंत हटाया जाना चाहिए। महिलाओं का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा सीबीएसई से इतनी बड़ी गलती कैसे हुई इसकी समीक्षा की जानी चाहिए और तय करें कि महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक कंटेंट को सिलेबस में शामिल न किया जाए।

इस मसले पर तमिलनाडु कांग्रेस के प्रवक्ता लक्ष्मी रामचंद्रन ने कहा, यह अपमानजनक रूप से निर्थक पठन मार्ग आज 10 वीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के पेपर में दिखाई दिया। हम अपने बच्चों को क्या सिखा रहे हैं? सीबीएसई को स्पष्टीकरण देना होगा और हमारे बच्चों को इसके साथ भड़काने के लिए माफी मांगनी होगी।

इसके साथ ही सीबीएसई ने एक आधिकारिक संदेश जारी किया है,दसवीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा में प्रश्न पत्र के शामिल एक प्रश्न बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं है, इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि प्रश्न को छोड़ दिया जाए और इस प्रशन के लिए छात्रों को पूरे अंक दिए जाएं।

इससे पहले भी सीबीएसई कि इन परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों को लेकर विवाद हो चुका है, बारहवीं कक्षा की समाजशास्त्र की बोर्ड परीक्षा में छात्रों से गुजरात दंगों को लेकर विवादास्पद प्रश्न पूछा गया था। परीक्षा के उपरांत सीबीएसई ने इस पर खेद जताते हुए भूल स्वीकार की और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही थी।

एमसीक्यू बेस्ड एग्जाम में छात्रों से प्रशन किया गया था कि गुजरात में वर्ष 2002 में हिंसा किस पार्टी की सरकार में हुई। इसके लिए छात्रों के समक्ष चार थे कांग्रेस, बीजेपी, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन।

बोर्ड परीक्षा में आए इस प्रश्न के लिए अब सीबीएसई का कहना था कि यह उनके द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। सीबीएसई का कहना है कि प्रश्न पत्र तैयार करने से पहले ही यह तय किया गया था कि प्रश्न केवल संबंधित कक्षा के सिलेबस के आधार पर होंगे। मूल विषयों से हटकर अलग न जाने के दिशा निर्देश जारी किए गए थे।

गौरतलब है कि सीबीएसई बोर्ड द्वारा दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए यह पहले चरण की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करवाई गई थी। कोरोना के कारण इस बार बोर्ड परीक्षाएं दो चरणों में आयोजित करवाई जा रही हैं। पहले चरण की बोर्ड परीक्षाएं ली जा चुकी है। वहीं दूसरे चरण की बोर्ड परीक्षाएं अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में ली जाएंगी।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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