सदन में खड़गे बोले- सरकार सदन को बाधित करने के लिए विपक्ष को उकसा रही, राज्य सभा 2 बजे तक स्थगित

Last Updated 13 Dec 2021 12:27:31 PM IST

संसद के मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन में ‘अशोभनीय आचरण’ को लेकर शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सांसदों ने अपने खिलाफ की गई कार्रवाई के विरोध में सोमवार को संसद परिसर में धरना दिया।


हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया। निलंबन रद्द करने की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों द्वारा व्यवधान उत्पन्न किए जाने की वजह से सोमवार को राज्यसभा की बैठक दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने जैसे ही शून्यकाल शुरू कराया, कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में कथित अशोभनीय आचरण के लिए शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए बारह सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग की।

सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बारह सदस्यों का निलंबन रद्द करने के लिए बार बार अनुरोध किया जा रहा है। उन्होंने सरकार पर अड़ियल रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा ‘‘आप सदन के संरक्षक हैं। सरकार हमें आदेश नहीं दे सकती कि हम यह करें और यह न करें।’’

उन्होंने कहा कि सरकार ने अड़ियल रवैया अपना रखा है और जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है। उन्होंने कहा कि जो कुछ हो रहा है, उस पर विरोध जताते हुए उनकी पार्टी के सदस्य सदन से वाकआउट कर रहे हैं।

इस पर सभापति ने कहा कि सदन की कार्यवाही में बार बार व्यवधान डालना ठीक नहीं है। इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने 12 सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।

राज्यसभा में 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच गतिरोध कायम रहा। निलंबन रद्द करने की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों द्वारा व्यवधान उत्पन्न किए जाने की वजह से सोमवार को राज्यसभा की बैठक ग्यारह बज कर पंद्रह मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सदस्यों को निलंबित किए 10 दिन हो गए। उन्होंने कहा कि वह सदस्यों का निलंबन वापस लेने का अनुरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि आसन ने भी पिछले सप्ताह व्यवस्था दी थी कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता आपस में बात कर इस मुद्दे को सुलझाएं ताकि सदन की कार्रवाई निर्बाध चल सके।

द्रमुक सदस्य के तिरुचि शिवा ने कहा ‘‘हम चाहते हैं कि सदन की कार्यवाही सामान्य तरीके से चले। इसलिए जरूरी है कि निलंबित सदस्यों का निलंबन वापस लिया जाए।’’

गौरतलब है कि 29 नवंबर को आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के बारह सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था।

जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।

सभापति ने इन सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की। लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने ग्यारह बज कर करीब पंद्रह मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

इससे पहले, सदन में संसद पर हमले की 20वीं बरसी पर, लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर की रक्षा करते हुए जान गंवाने वाले सुरक्षा कर्मियों और आतंकियों की गोलीबारी में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी गई।

भाषा
नई दिल्ली


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