गांवों में शिक्षा को मजबूत करने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय गांवों में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने जा रहा है। इसके अंतर्गत गांवों के स्कूलों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जाएगा।
गांवों में शिक्षा को मजबूत करने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा |
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह छात्रों के बीच डिजिटल अंतर को कम करने का एक प्रयास है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने, ग्रामीण आबादी का सर्वांगीण विकास और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
शिक्षा मंत्रालय डिजिटल शिक्षा को मजबूत करने पर विशेष जोर दे रहा है। छात्रों के बीच डिजिटल अंतर को कम करने के लिए डिजिटल शिक्षा ढांचे का नया पैटर्न क्षेत्रीय भाषाओं पर भी आधारित होगा। इसका उद्देश्य डिजिटल शिक्षा में अधिक से अधिक समावेश लाना और डिजिटल विषमता को पाटने हुए वंचितों तक पहुंचना है।
शिक्षा मंत्रालय में हाल ही में एक बैठक में भी की गई है। इसमें मुख्य रूप से एक एकीकृत डिजिटल इको सिस्टम विकसित करने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी और इंटरनेट का लाभ उठाने पर चर्चा की गयी। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, कौशल विकास और शिक्षक प्रशिक्षण के सभी पहलुओं को शामिल करने के लिए मौजूदा मंचों का और विस्तार करने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की खातिर एक अभिनव ²ष्टिकोण का आह्वान किया।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक पारंपरिक शिक्षा में स्वीकृत ऑनलाइन कम्पोनेंट को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है। 100 से ज्यादा शीर्ष रैंक प्राप्त विश्वविद्यालयों को पूर्ण रूप से ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम करने की अनुमति दे दी गई है। डिजिटल अंतर को पाटने के क्रम में, भारत स्वयं प्रभा टीवी चैनलों और कम्युनिटी रेडियो का व्यापक इस्तेमाल कर रहा है।
डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्च र का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा को सहायता देने के लिए एनईपी 2020 के तहत एक राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच की स्थापना की जा रही है।
शिक्षा मंत्री के मुताबिक युवाओं के लिए आर्थिक अवसर पैदा करने के लिए सरकार का चौतरफा प्रयास परिणाम दिखा रहा है। प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे के निर्माण, उद्यमिता, शिक्षा और कौशल विकास पर और अधिक जोर देने के साथ, भारत अधिक अवसर पैदा करने के लिए तैयार है।
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