PM Modi US Visit: चार दिन के US दौरे पर रवाना हुए PM मोदी, 24 सितंबर को बाइडन से करेंगे मुलाकात

Last Updated 22 Sep 2021 11:12:23 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्वाड सम्मेलन (Quad Summit) में हिस्सा लेने के लिए आज अमेरिका के लिए रवाना हुए। वह इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में भाग लेने के साथ-साथ अन्य देश के नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे।


तीन दिन के US दौरे पर रवाना हुए मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को चार दिवसीय यात्रा पर अमेरिका रवाना हो गए। रवानगी से पहले उन्होंने कहा कि उनका अमेरिका दौरा उसके साथ वैश्विक व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने का एक मौका होगा।

इस यात्रा में प्रधानमंत्री कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सहित विश्व के अन्य नेताओं के साथ वार्ता करेंगे और संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को संबोधित भी करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के लिए विमान पर सवार होते हुए। वहां वह कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सहित विश्व के अन्य नेताओं के साथ वार्ता करेंगे और संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को संबोधित भी करेंगे।’’

पीएमओ ने इस ट्वीट के साथ विमान पर सवार होने से पहले अभिवादन करते प्रधानमंत्री की एक तस्वीर भी साझा की।।

 अमेरिका के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका अमेरिका दौरा उसके साथ व्यापक वैश्विक सामरिक साझेदारी को मजबूती देने, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने का एक मौका होगा।

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने प्रस्थान पूर्व बयान कहा कि उनका अमेरिका दौरा अमेरिका के साथ वैश्विक व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने का एक मौका होगा।

प्रधानमंत्री ने 22 से 25 सितंबर तक के अपने अमेरिका दौरे पर रवाना होने से पहले एक बयान में यह बात कही। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री का यह दौरा हो रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति बाइडन के साथ भारत-अमेरिकी वैश्विक व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करेंगे और आपसी हित से जुड़े वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

प्रधानमंत्री अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस से भी मुलाकात करेंगे और उनके साथ दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों, खासकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं तलाशेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस यात्रा के दौरान क्वाड समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन में वह राष्ट्रपति बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सूगा के साथ हिस्सा लेंगे।

उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन डिजिटल माध्यम से मार्च में आयोजित की गई क्वाड देशों के नेताओं की पहली शिखर बैठक में हुए फैसलों की समीक्षा करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए आपसी साझा दृष्टि पर आधारित भविष्य के कार्यक्रमों और प्राथमिकताओं की पहचान का एक मौका प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मॉरिसन और सूगा के साथ इन देशों से ‘‘मजबूत द्विपक्षीय संबंधों’’ की समीक्षा करेंगे और महत्वपूर्ण वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर ‘‘उपयोगी विचारों’’ का आदान-प्रदान करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अपनी यात्रा का समापन न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में वैश्विक चुनौतियों, खासकर कोविड-19 महामारी, आतंकवाद से निपटने की आवश्यकता, जलवायु परिवर्तन और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने संबोधन से करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी अमेरिका यात्रा अमेरिका के साथ व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने तथा हमारे रणनीतिक भागीदारों जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर हमारे सहयोग को आगे ले जाएगी।’’

उल्लेखनीय है कि क्वाड समूह में अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। अमेरिका क्वाड समूह की बैठक कर रहा है जिसमें समूह के नेता हिस्सा लेंगे। इसके जरिये अमेरिका हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और समूह के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने का मजबूत संकेत देना चाहता है।

मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्वाड देशों के नेताओं की पहली शिखर बैठक डिजिटल माध्यम से आयोजित की थी और लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर मुक्त एवं समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्धता प्रकट की थी। समझा जाता है कि इसका परोक्ष संदेश चीन को लेकर था।

भाषा
न्यूयॉर्क


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