अफगानिस्तान से भारत लाए गए 78 लोगों का क्वारंटाइन पीरियड पूरा, ITBP कैंप से मिली छुट्टी
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल से भारत लाए गए 78 लोगों को मंगलवार को आईटीबीपी के कोविड-19 पृथक-वास केन्द्र से छुट्टी दे दी गई।
अफगान से भारत आए 78 लोगों का क्वारंटाइन पूरा |
कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू नियमों के तहत उन्हें 14 दिन तक वहां पृथक रखा गया था।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने बताया कि इन 78 लोगों में अफगानिस्तान के 54 लोग (34 पुरुष, नौ महिलाएं और 10 बच्चे) और 25 (18 पुरुष, पांच महिलाएं और 2 बच्चे) भारतीय नागरिक हैं। उन्हें वहां से छुट्टी देते समय एक चिकिक्त्सीय प्रमाणपत्र अैर एक लाल गुलाब दिया गया।
Delhi | 78 persons who were airlifted from Afghanistan being discharged from ITBP's Chhawla Camp after completing their 14-day quarantine
— ANI (@ANI) September 7, 2021
They reached the ITBP quarantine facility on August 24. pic.twitter.com/IXyziKMxY3
इन लोगों को 24 अगस्त को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के छावला इलाके स्थित इस कोविड-19 पृथक-वास केन्द्र लाया गया था। इन्हें भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित एक निकासी उड़ान में देश लाया गया था।
दिल्ली: अफ़ग़ानिस्तान से 24 अगस्त को भारत लाए गए 78 लोगों ने ITBP छावला में 14 दिन का क्वारंटाइन पूरा कर लिया है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 7, 2021
अफरोज आलम ने बताया, "मैं अफ़ग़ानिस्तान में लेक्चरर था। हमें यहां(ITBP छावला) 14 दिन बहुत अच्छा लगा। खाना, साफ-सफाई सब अच्छा था। अब हम अपने घर जा रहे हैं। " pic.twitter.com/xwj7S2DlOr
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अफगान नागरिकों को दक्षिण दिल्ली में एक निर्दिष्ट स्थान पर भेज दिया गया है, जबकि भारतीयों के अपने घर जाने की उम्मीद है। पृथक-वास केन्द्र में अब भी अफगानिस्तान से निकाले गए 35 लोग हैं, जिनमें से 24 भारतीय और अन्य नेपाल के नागरिक हैं।
कोविड-19 वैश्विक माहामारी के प्रकोप के मद्देनजर पिछले साल आईटीबीपी पृथक-वास केन्द्र की स्थापना की गई थी और अभी तक यहां कम से कम आठ देशों के नागरिकों सहित 1200 से अधिक लोगों को ठहराया जा चुका है। पिछले साल वुहान से लौटे भारतीयों और कुछ विदेशियों का पहला दल भी यहां पृथक-वास में रहा था।
आईटीबीपी, गृह मंत्रालय के अधीन आने वाला एक सीमा सुरक्षा बल है और इसे मुख्य रूप से देश के आंतरिक सुरक्षा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं प्रदान करने के अलावा चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा करने का काम सौंपा गया है।
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