पांच राज्यों के चुनाव में युवाओं को रिझाने के लिए युवा चेहरों पर दांव खेल सकती है बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान बड़ी संख्या में युवा उम्मीदवारों को उतारने पर विचार करना शुरू किया है।
पांच राज्यों के चुनाव में युवाओं को रिझाने के लिए युवा चेहरों पर दांव खेल सकती है बीजेपी |
पार्टी का मानना है कि इससे राज्यों में 60 फीसद से अधिक युवा मतदाताओं के बड़े वर्ग को जोड़ने में मदद मिलेगी। भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़े कई युवाओं को इस बार चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है।
भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, भाजपा बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। संगठन और सरकार दोनों समय के साथ युवा हो चले हैं। कम उम्र के ऊजार्वान लोगों को वरीयता मिल रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी अपनी युवा राष्ट्रीय टीम बनाई है। संगठन में बुजुर्गों की तुलना में युवा लोगों को ज्यादा मौका मिला है। भारतीय जनता युवा मोर्चा की कमान भी सिर्फ 30 साल के तेजस्वी सूर्या को मिली। मोदी सरकार ने हाल में जो मंत्रिपरिषद विस्तार किया, उसमें भी औसत आयु 58 वर्ष है। ऐसे में जहां तक संभावना है कि पार्टी विधानसभा चुनाव में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को इस बार बहुत कम टिकट देगी। जाहिर सी बात है कि उम्रदराज लोगों के टिकट कटेंगे तो कम उम्र के लोगों को ही मिलेंगे।
अगले वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गुजरात और गोवा में विधानसभा चुनाव हैं। पंजाब को छोड़कर अन्य चार राज्यों में भाजपा सत्ता में है। ऐसे में भाजपा के सामने चारों राज्यों में सत्ता में वापसी की चुनौती है। चूंकि युवा हर चुनाव में काफी उत्साह के साथ मतदान में हिस्सा लेते हैं। ऐसे में पार्टी ने युवा मतदाताओं पर फोकस करने की रणनीति बनाई है। युवाओं को रिझाने के लिए पार्टी युवा उम्मीदवारों पर दांव चलने पर विचार कर रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में तेजस्वी सूर्या, राजू बिष्ट, हिना गावित जैसे 30 से 35 वर्ष के युवाओं को चुनाव मैदान में उतारकर पार्टी सफलता हासिल कर चुकी है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी अब विधानसभा चुनाव में भी इस फॉमूर्ले के तहत युवा उम्मीदवारों को अधिक संख्या में चुनाव मैदान में उतारेगी।
उत्त प्रदेश में इस बार करीब 60 से 80 विधायकों के टिकट कटने की संभावना है। इसमें उम्र, सियासी समीकरण और प्रदर्शन के आधार पर पार्टी समीक्षा कर संबंधित विधायकों के टिकट काटने पर विचार कर रही है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी इनकी जगह पर नए चेहरों को मौका देगी। उसी तरह गोवा, गुजरात, पंजाब और उत्तराखंड में भी पहले की तुलना में अधिक संख्या में युवा चेहरों को मौका मिल सकता है।
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