काबुल से जामनगर पहुंचने के बाद भारतीय राजदूत ने कहा- वहां स्थिति गंभीर

Last Updated 17 Aug 2021 03:32:09 PM IST

भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) ने तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान में फंसे 192 भारतीयों को वापस लाने के लिए तीन दिवसीय निकासी अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।


अफगानिस्तान में फंसे लोगों को राहत की सांस देते हुए, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के विमान सी-17, ग्लोबमास्टर ने मंगलवार को काबुल के हामिद करजई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 150 से अधिक भारतीय नागरिकों को जामनगर पहुंचाया। विमान ने अफगानिस्तान में काम कर रहे भारतीय दूतावास के कई अधिकारियों को निकाला।

जामनगर एयरफोर्स बेस पर उतरने के बाद अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन ने मीडिया से बातचीत की।

रुद्रेंद्र टंडन ने जामनगर आईएएफ एयरबेस पर कहा, "आप कल्पना नहीं कर सकते कि घर वापस आना कितना अच्छा है। दो सप्ताह की गहन जटिल स्थिति के बाद, मुझे निकासी पर निर्णय लेना पड़ा। मुझे बहुत खुशी है कि मिशन अब समाप्त हो गया है और हम बिना किसी अप्रिय घटना या दुर्घटना के सुरक्षित घर वापस आ गए हैं।"

विदेश मंत्रालय ने इस निकासी मिशन की योजना बनाई और इसे तीन दिनों में अंजाम दिया।

उन्होंने कहा, "हमारे पास एक बहुत बड़ा मिशन था। हमारे पास 192 व्यक्तियों का एक मिशन था, जिन्हें केवल तीन दिनों की अवधि में, दो चरणों में बहुत ही व्यवस्थित तरीके से अफगानिस्तान से निकाला गया है। दूतावास के कर्मियों के अलावा, वहां अफगानिस्तान में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लोग भी थे और एयर इंडिया के लोग भी थे, जिन्हें निकालने की जरूरत थी, क्योंकि काबुल शहर में स्थिति तेजी से बदल रही थी। फिर ऐसे भारतीय नागरिक भी थे जो तेजी से बदलती स्थिति के कारण खुद को संकट में घिरा पा रहे थे। लेकिन हमारी नीति थी कि जो कोई भी दूतावास पहुंचेगा, उसे निकासी मिशन में ले जाया जाएगा और देश से सुरक्षित बाहर निकल जाएगा।"

टंडन ने कहा, "यह कार्यक्रम दूतावास के सभी विंगों की मदद के बिना सफलतापूर्वक संभव नहीं होता और कार्यक्रम की निगरानी उच्चतम स्तर और मिनट से लेकर मिनट तक की गई।"

यहां आईएएफ के विमान में ईंधन भरा जाएगा और यह गाजियाबाद के हिंडन एयर फोर्स स्टेशन के लिए रवाना होगा, जहां से वे अपने-अपने राज्यों के लिए रवाना होंगे।
 

आईएएनएस
गांधीनगर


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