Independence Day 2021: युवा पीढ़ी, किसान, ओलिंपिक खिलाड़ी....लाल किले से क्या कुछ बोले PM मोदी, जानें

Last Updated 15 Aug 2021 09:49:59 AM IST

देश आजादी का जश्न मना रहा है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले पर तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया। लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।


अगले 25 साल भारत के सृजन का अमृतकाल: मोदी

मोदी द्वारा तिरंगा फहराने के तुरंत बाद, राष्ट्रगान बजाया गया और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने आसमान से फूल बरसाए।

इससे पहले, मोदी ने सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया। ऐतिहासिक रेड फोर्ड 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

दिल्ली के लाल किले परिसर को रंग-बिरंगे फूलों और असंख्य राष्ट्रीय झंडों से सजाया गया है।

आजादी के सौ साल पूरे होने से पहले देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना जरूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आजादी के 100 साल पूरे होने से पहले देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना जरूरी है।

 प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 75वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘देश की प्रगति और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में स्वतंत्र होना अनिवार्य है।’’ मोदी ने कहा कि देश आज ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं है. ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिये हर साल 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च देश को करना पड़ता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऊर्जा के मामले में स्वतंत्र होने के लिये भारत को ये संकल्प लेना होगा कि आजादी के 100 साल होने से पहले देश को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाएंगे।’’ उल्लेखनीय है कि भारत अपनी जरूरत का करीब 80 प्रतिशत कच्चा तेल दूसरे देशों से आयात करता है. इससे देश को कच्चे तेल के आयात पर अच्छा खासी राशि खर्च करनी पड़ती है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस क्षेत्र में स्थापित क्षमता एक लाख मेगावाट को पार कर गयी है। देश ने 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 1,75,000 मेगावाट पहुंचाने का महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा है।

गांवों में महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के लिए ई-वाणिज्य मंच विकसित करेगी सरकार : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार गांवों में महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के बनाये उत्पादों के लिए एक ई-वाणिज्य मंच विकसित करेगी।

लाल किले की प्राचीर से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार ने उन जिलों की आकांक्षाओं को भी जागृत किया है, जिनके बारे में माना जाता था कि वे विकास यात्रा में पीछे रह गए थे।

उन्होंने कहा, “हम 110 आकांक्षी जिलों में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और पोषण को बढ़ावा दे रहे हैं जो विकास के लिहाज से पीछे छूट गए थे। इनमें से कई जिले आदिवासी इलाकों में हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “हम इन जिलोंको भारत के सभी अन्य जिलों के स्तर पर लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।”

महिला स्वयं सहायता समूहों की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि गांवों में आठ करोड़ से ज्यादा ग्रामीण महिलाएं इन समूहों से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये महिलाएं विभिन्न उत्पादन बनाती हैं और अब सरकार उनके उत्पादों के लिए ई-वाणिज्य मंच तैयार करेगी ताकि वे देश-विदेश के बड़े बाजारों में पहुंच सकें।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, गांव तेजी से बदले हैं और उन्हें सड़क और बिजली जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल संपर्क के बारे में मोदी ने कहा कि अब गांव ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। इंटरनेट गांव-गांव पहुंच रहा है और ग्रामीण इलाकों में भी डिजिटल उद्यमी तैयार किए जा रहे हैं।

खिलाड़ियों ने हमारा दिल ही नहीं जीता, युवा पीढ़ी को प्रेरित भी किया है : मोदी

ओलंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भारतीय खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने हमारा दिल ही नहीं जीता बल्कि आने वाली पीढियों को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है । उन्होंने यह भी कहा कि खेलों में प्रतिभा, तकनीक और पेशेवरपन लाने के लिये जारी अभियान को और तेज तथा व्यापक करना होगा ।

भारत ने हाल ही में संपन्न तोक्यो ओलंपिक में एक स्वर्ण सहित सात पदक जीते हैं जो देश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है ।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा ,‘‘ एथलीटों पर विशेष तौर पर हम ये गर्व कर सकते हैं कि उन्होंने हमारा दिल ही नहीं जीता है लेकिन उन्होंने आने वाली पीढियों को , भारत की युवा पीढी को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ ओलंपिक में भारत का नाम रोशन करने वाली युवा पीढी , ऐसे हमारे एथलीट , हमारे खिलाड़ी आज इस आयोजन में हमारे बीच में हैं । मैं आज देशवासियों को , जो यहां मौजूद हैं, उनको भी और हिंदुस्तान के कोने कोने से जो इस समारोह में मौजूद हैं ,उन सभी को मैं कहता हूं कि हमारे खिलाड़ियों के लिये आइये कुछ पल तालियां बजाकर उनका सम्मान करें ।’’

प्रधानमंत्री ने कहा ,‘‘ भारत के खेलों का सम्मान , भारत की युवा पीढ़ी का सम्मान, भारत को गौरव दिलाने वाले युवाओं का सम्मान । देश.... करोड़ों देशवासी आज तालियों की गड़गड़ाहट के साथ हमारे इन जवानों का, देश की युवा पीढ़ी का गौरव कर रहे हैं , सम्मान कर रहे हैं ।’’

ओलंपिक में पदक विजेता खिलाड़यों समेत भारत के पूरे ओलंपिक दल को लालकिले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में आमंत्रित किया गया था ।

मोदी ने आगे अपने भाषण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृ के महत्व के संदर्भ में खेलों का उदाहरण देकर कहा कि खेल के मैदान में कभी रूकावट नहीं बनी और नतीजा सभी ने देखा ।
 

बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है: प्रधानमंत्री

मोदी ने 1947 में देश के बंटवारे को पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक करार दिया और भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर कहा कि यह दर्द आज भी हिंदुस्तानियों के सीने को छलनी करता है।

लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आजादी का जश्न मनाते हैं लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कल ही देश ने भावुक निर्णय लिया है। अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।’’

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश की आजादी में अपने प्राणों की आहूति देने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस कड़ी में उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खान जैसे महान क्रांतिकारियों के अलावा झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सहित अन्य सेनानियों को याद किया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी हों, देश को एकजुट राष्ट्र में बदलने वाले सरदार पटेल हों या भारत को भविष्य का रास्ता दिखाने वाले बाबासाहेब अम्बेडकर, देश ऐसे हर व्यक्तित्व को याद कर रहा है, देश इन सबका ऋणी है।’’

छोटा किसान बने देश की शान, इस लक्ष्य के साथ देश आगे बढ़ेगा: मोदी
मोदी ने छोटे किसानों को आगे बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि ‘‘छोटा किसान बने देश की शान’’ इस लक्ष्य के साथ हमें आगे बढ़ना होगा। गांव, किसान की जमीन को विवाद का नहीं बल्कि विकास का आधार बनाने पर काम हो रहा है।

मोदी ने कहा कि सरकार देश के छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुये निर्णय ले रही है। ‘‘बंटवारे के कारण गांवों में जमीन की जोत छोटी हो रही है। देश के 80 प्रतिशत किसानों के पास दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है। ’’ उनहोंने कहा कि कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक क्षमता का इस्तेमाल जरूरी है। अब इस मामले में ज्यादा इंतजार नहीं किया जा सकता है।

मोदी ने कहा, ‘‘हमारा सपना है कि छोटे किसान देश की शान बने। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा, उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले जो देश में नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वो नहीं हुआ। लेकिन अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिये फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागत का डेढ गुणा किया गया है। किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया गया है और आने वाले समय में ब्लॉक सतर पर अनाज के भंडारण के लिये भंडारण सुविधायें खड़ी करने की योजना चलाई जा रही है।

किसानों का सशक्त और मजबूत बनाने के लिये अब तक डेढ लाख करोड़ रुपये की राशि छोटे किसानों के खातों में डाली जा चुकी है। इसके अलावा 70 से अधिक मार्गों पर किसान रेल चलाई जा रही हैं। इन रेलों के जरिये कृषि उपज को देश के एक कोने से दूसरे कोने में भेजा जा रहा है। इससे किसानों को सस्ते भाड़े पर उनके उत्पाद मंडियों तक पहुंचाये जा रहे हैं जहां उनकी मांग है।

प्रधानमंत्री ने किसानों के लिये उनकी जमीन के आधार पर बैंकों से कर्ज दिलाने की सुविधा वाली स्वामित्व योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘देश में ड्रोन के जरिये काम हो रहा है, दस्तावेजों को आनलाइन अपलोड किया जा रहा है, इससे बैंकों से आसानी से कर्ज मिल रहा है और गांव की जमीन विवाद का नहीं विकास का आधार बन रही है।’’

भाषा
नई दिल्ली


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