2024 के चुनाव में बगैर गांधी परिवार के चेहरे को लिए आगे बढ़ने की जुगत में जी 23-समूह, फूट के कगार पर कांग्रेस!
क्या कांग्रेस पार्टी में दो साल पहले फूट के जो संकेत मिले थे उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए फिर जी 23 समूह के नेता हुए लामबंद !
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दरअसल ये सवाल एक बार फिर उस वक्त उठ खड़ा हुआ जब कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने जी-23 समूह के नेता और विपक्ष के नेताओं को एकजुट करने की नियत से सोमवार देर रात एक रात्रि भोज का कार्यक्रम रखा था, जिसमे गांधी परिवार से कोई सम्मिलित नहीं हुआ।
हालांकि ये अनऔपचारिक डिनर पार्टी थी तो यूपी चुनाव पर चर्चा और मोदी सरकार के विरुद्ध विपक्ष को एकजुट करने की नीयत से आयोजित की गई लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि इस रात्रिभोज का असल मकसद कांग्रेस से अलग एक नया कांग्रेस बिना गांधी परिवार के चेहरे के तैयार करना था।
इस डिनर में राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव, एनसीपी से शरद पवार, सपा से अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव, माकपा सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी. राजा, नेशनल कांफ्रेंस से उमर अब्दुल्ला और पी. चिदंबरम शामिल हुए... शिवसेना के संजय राउत, आप के संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन, बीजू जनता दल नेता पिनाकी मिश्रा और अमर पटनायक, द्रविड़ मुनेत्र कषगम के तिरुचि शिवा और टी के एलनगोवन, राष्ट्रीय लोक दल से जयंत चौधरी और टीआरएस के नेता भी शामिल हुए।
जी-23 नेता से रात्रिभोज में जो नेता शामिल हुए, उनमें गुलाम नबी आजाद, भूपिंदर सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक, पृथ्वीराज चव्हाण, मनीष तिवारी और शशि थरूर थे।
इस रात्रि भोज के मायने ये भी लगाए जा रहे हैं की आलाकमान से असंतुष्ट कांग्रेस के ये नेता अलग गुट तैयार करने की जुगत में हैं और ये डिनर पार्टी उसकी जमीन तैयार करने की तैयारी थी। लिहाजा विपक्ष की तरफ से अपने गुट को स्वीकारता कैसे मिले इसे समझने के लिहाज से इस रात्रिभोज का आयोजन किया गया।
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