पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब 12 बजे दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की। इसी बीच विपक्षी सदस्यों का हंगामा आरंभ हो गया और उपसभापति ने कुछ क्षणों के भीतर ही सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
हंगामे के कारण सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल दोनों नहीं हो सके।
इससे पहले, सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई सभापति एम वेंकैया नायडू ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की 79वीं वर्षगांठ पर आजादी के आंदोलन के शहीदों को याद किया और पूरे सदन ने उन्हें कुछ क्षणों का मौन रख श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद सभापति ने तोक्यो ओलंपिक में भारत के शानदार प्रर्दशन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह ओलंपिक खेलों में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि भारत का प्रदर्शन भविष्य में और ज्यादा पदक जीतने की संभावनाओं को दर्शाता है।
खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘गर्व करने वाले ऐसे मौके और आएं... हमारा लक्ष्य पदक तालिका में शीर्ष दस देशों में शामिल होने का होना चाहिए।’’
इसके तत्काल बाद कांग्रेस के जयराम रमेश ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ संबंधी सभापति के उल्लेख में 1971 की सोवियत-भारत शांति, मैत्री और सहयोग संधि पर हस्ताक्षर का जिक्र नहीं किए जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि भारत के कूटनीतिक संबंधों में यह संधि अहम बदलाव का क्षण था।
सभापति ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक सच्चाई है।
थोड़ी ही देर बाद, कांग्रेस के ही आनंद शर्मा ने कहा कि ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुंबई अधिवेशन में गोवालिया टैंक मैदान में पारित हुआ था लेकिन इसका सभापति के उल्लेख में कोई जिक्र नहीं किया गया।
नायडू ने इस पर कहा कि यह एक ऐतिहासिक घटना है लेकिन आज के मौके पर इस बात को उठाना उचित नहीं है।
इसके बाद सभापति ने सदन को बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत सात-आठ नोटिस मिले हैं जो पेगासस, किसानों और बाढ़ के मुद्दे पर हैं। नायडू ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में उन्होंने किसानों के मुद्दे पर चर्चा की सहमति जताई थी और इस मंशा से सरकार को भी अवगत करा दिया था। सभापति ने कहा कि वह किसानों, महंगाई और भारी बारिश से पैदा हुई बाढ़ की स्थिति के मुद्दे पर चर्चा कराने को तेयार हैं।
लेकिन इसी बीच विपक्ष के कुछ सदस्यों ने पेगासस पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा आरंभ कर दिया।
हंगामा बढ़ता देख सभापति ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर करीब 20 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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