कंधार में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दिकी की हत्या, पिता ने कहा- आखिरी बार बात दो दिन पहले हुई, खुश था बेटा

Last Updated 16 Jul 2021 03:12:41 PM IST

पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान में लड़ाई की कवरेज करने के दौरान मारे गए। अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुनदाजे ने इसको लेकर जानकारी दी।


समाचार एजेंसी रॉयटर के लिए काम करने वाले पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान में लड़ाई की कवरेज करने के दौरान मारे गए। घटना के वक्त वह अफगान बलों और तालिबान के आतंकवादियों के बीच कंधार में हो रही भीषण लड़ाई की कवरेज कर रहे थे।

बताया जा रहा है कि उन पर 13 जुलाई को भी हमला हुआ था जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे।

भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुनदाजे ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कंधार में गुरुवार रात दोस्त दानिश की हत्या  की सूचना पाकर दुखी हूं। भारतीय पत्रकार एवं पुलित्जर पुरस्कार विजेता  दानिश अफगानिस्तानी सुरक्षा बलों के साथ थे। मैं उनसे दो सप्ताह  पहले  मिला था, जब वह काबुल जाने वाले थे। उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं  हैं।’’

दूसरी ओर दानिश के पिता ने बताया कि, करीब एक घंटे पहले हमें अपने बेटे के बारे में जानकारी मिली। दरअसल दानिश सिद्दीकी अफगान सुरक्षा बलों के साथ एक रिपोर्टिग असाइनमेंट पर थे, उसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई।

दिल्ली निवासी दानिश सिद्दीकी के पिता प्रोफेसर अख्तर सिद्दीकी ने न्यूज एजेंसी (आईएएनएस) से बात करते हुए कहा कि, "मुझे करीब 1 घंटे पहले मेरे बेटे को लेकर जानकारी मिली थी। मेरे बेटे से आखिरी बार बात दो दिन पहले हुई थी, और वह उस वक्त बेहद खुश था।"

सिद्दीकी की उम्र 40 से 45 वर्ष के बीच थी। मुंबई निवासी एवं न्यूज एजेंसी रायटर्स के फोटो पत्रकार दानिश को 2018 में पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया था, ये अवॉर्ड उन्हें रोहिंग्या मामले में कवरेज के लिए मिला था। 

उन्होंने दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट किया था और  2007 में जामिया के मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर से मास कम्युनिकेशन की डिग्री हासिल की थी।

इसके बाद उन्होंने टेलीविजन से अपने कैरियर की शुरुआत की और 2010 में  रॉयटर्स से जुड़ गए थे।

हालांकि दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान में जारी संकट को लगातार कैमरे में कैद कर रहे थे, और अपने सोशल मीडिया पर लोगों को सूचित कर रहे थे। दानिश सिद्दीकी की मृत्यु पर जल्द ही जामिया युनिवर्सिटी भी शोक संदेश जारी करेगी, दरअसल दानिश सिद्दीकी के पिता जामिया में प्रोफेसर रहे चुके हैं और दानिश ने भी जामिया से ही पढ़ाई की है।

तालिबान ने इस हफ्ते कंधार के स्पिन बोलदाक जिले पर कब्जा कर लिया है। बीते कुछ दिनों से यहां पर भीषण लड़ाई चल रही है। देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच सरकार और तालिबान लड़ाकों के बीच लड़ाई तेज हो गई है।     
 

एजेंसियां
नई दिल्ली/काबुल


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