कोरोना काल में यूपी में कांवड़ यात्रा को इजाजत पर सुप्रीम कोर्ट सख्‍त, केंद्र व राज्यों को भेजा नोटिस

Last Updated 14 Jul 2021 11:27:12 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वैश्विक महामारी के बीच कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के यूपी सरकार के ‘चिंतित करने वाले’ फैसले का बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया और केंद्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों से इस मामले पर जवाब मांगा।


न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड-19 को रोकने की दिशा में कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। पीठ ने कहा कि 25 जुलाई से धार्मिक यात्रा शुरू करने की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के बाद लोग हैरान हैं।      

शीर्ष अदालत ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को नोटिस जारी किए और मामले की सुनवाई के लिए शुक्रवार का दिन तय किया। पीठ ने कहा कि उसने यह ‘‘परेशान करने वाली’’ खबर पढी कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कावड़ यात्रा की अनुमति देने का फैसला किया है, जबकि उत्तराखंड ने दूरदर्शिता दिखाते हुए इसकी अनुमति नहीं दी।     

पीठ ने कहा, ‘‘हम यह जानना चाहते हैं कि संबंधित सरकारों का क्या रुख है। भारत के नागरिक पूरी तरह हैरान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या हो रहा है और यह तब हो रहा है, जब प्रधानमंत्री ने कोविड-19 की तीसरी लहर के देश में आने के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि ‘हम कतई समझौता नहीं कर सकते’।’’     

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हम केंद्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को नोटिस जारी कर रहे हैं। यात्रा 25 जुलाई से शुरू होनी है, इसलिए हम चाहते हैं कि वे जल्द जवाब दायर करें ताकि मामले की सुनवाई शुक्रवार को हो सके।’’     

गौरतलब है कि कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से शुरू होनी है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर का खतरा जताए जाने के बावजूद 25 जुलाई से यात्रा की मंगलवार को अनुमति दे दी। उत्तराखंड सरकार ने वैश्विक महामारी के मद्देनजर कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है।

भगवान शिव के भक्तों के लिए दो सप्ताह तक चलने वाली कांवर यात्रा इस साल 25 जुलाई से शुरू होने वाली है। इस कांवड़ यात्रा में भक्त गंगा नदी से पवित्र गंगा जल लाने के लिए उत्तराखंड, हरिद्वार और देश के अन्य हिस्सों में जाते हैं।

उत्तरी राज्यों से कांवड़ियों के रूप में लाखों भक्त हरिद्वार में गंगा से पानी लेने के लिए पैदल यात्रा करते हैं और फिर उस गंगा जल को शिव मंदिरों में जाकर चढ़ाते हैं।

एजेंसियां
नई दिल्ली/लखनऊ


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